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जैनशिलालेख-संग्रह [१५४६१ ल्कु कणबिय सेहिय बम्मि सेहिय साम्यक्के मत्तरेंटु मने वोंदु
भोगवाडगे गवाणं नाल्कु कत्ते६२ य दारि सेटिय साम्यक्के मत्तरेंटु मने वोंदु मोगवाडगे गवाणं
नाल्कु हब्बेय देवि सेहिय ६३ साम्यक्के मत्तरेंटु मने वोंदु मोगवाडगे गद्याणं नारकु गोलिय
चडि सेटिय साम्यके मत्त१४ रेटु मने बोंदु भोगवाडगे गयाणं नाल्कु हड्डलिय संकि सेडिय
साम्यक्के मत्तरेंटु भने ६५ वोंदु मोगवाडगे गाणं नाल्कु कंदल मल्लि सेटिय साम्यक्के
मत्तरेंटु मने चोंदु भोगवाडगे गधाणं ६६ नाल्कु मालवेय पुत्ररु चण्डि सेहिय साम्यक्के मत्तरेंटु मने
वोंदु मोगवाडगे गाणं नाल्कु माध६७ वसेडिय साम्य के मत्सरेंटु मने वोंदु भोगवाडगे गाणं नाल्कु
[ इसी तरह ८३वीं पंक्ति तक बयसर बोप्पि सेट्रि, नेमिसेट्रि, गोखर बम्मि सेट्रि, मयिलि सेट्रि, गोखर बोसि सेट्टि, चंदि सेट्टि, एम्मेयर चवुडि सेट्टि, होयसर चवुडि सेट्टि, केल्लर गोरवि सेट्टि, तालबम्मि सेट्टि, कडबर देवि सेट्टि, मंचल बोसि सेट्टि, बेणिल मल्लि सेट्टि, बेण्णेय नालि सेट्टि, दोड्डर केति सेट्टि, मंजडिय येचि सेट्टि, गंडि सेट्टि, मुरियर कलि सेट्टि, बयिसर बसवि सेट्टि, नूति सेट्टि, चिक्कि सेट्टि, इनके बारेमे निर्देश है।] ८३ नाल्कु चिक्कि सेहिय साम्यक्के मत्तरेंटु मने वोंदु भोगवाडगे
गधाणं नाल्कु यिन्ती देवपुत्रिकरोलगे याव८४ नोवनु धर्मक्कं याचार्यग विरोधियागि राजगामित्वं माडिदन
प्पडे वृत्तिच्छेदसमयबास ॥ ४५ स्वस्ति समस्तप्रशस्तिसहितं श्रीमन्महाप्रधानं वसुधैकवान्धवं
श्रीरेचिदेवदंडनाथ बहकरे