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नरेगल आदिके लेख
८३
नरेगल ( मैसूर )
शक ८७३ = सन् ९५०, कन्नड
[ यह लेख राष्ट्रकूट सम्राट् अकालवर्ष कृष्णराजदेव ( तृतीय ) के सामन्त गंगवंशीय बूतथ्य पेर्माडिकै समयका है। इसकी रानी पद्मब्बरसिद्वारा निर्मित बसदिके दानशालाके लिए नमयर मारसिघय्यने एक तालाब अर्पित किया था । यह दान कोण्डकुन्दान्वय देसिग गणके महेन्द्र पण्डित के प्रशिष्य तथा वीरणन्दि पण्डितके शिष्य गुणचन्द्र पण्डितको सौंपा गया था । दानको तिथि पौष शु० १० रविवार, संक्रान्ति, शक ८७३ साधारण संवत्सर ऐसी दी है । ] [ मूल कन्नडमें मुद्रित ]
उत्तरायण
[ सा० इ० इ० ११ पृ० २३ ]
-८५ ]
८४
वेमुलवाड ( करीमनगर, आन्ध्र )
१० वीं सदी -- उत्तरार्ध ( लगभग सन् ९६० · )
संस्कृत-कन्नड
[ इस मूर्तिलेखमे चालुक्य राजा बद्देग द्वारा गौडसंघके आचार्य सोमदेवसूरिके लिए एक जिनालय बनवाये जानेका उल्लेख है । ]
[ रि० इ० ए० १९४६-४७ क्र० १५८ ]
८५
धारवाड ( मैसूर )
• सन् ९६२, कन्नड
५३
शक ८८४ =
[ यह ताम्रपत्र गंग राजा मारसिंह (द्वितीय) के समय पौष कृष्ण ९ मंगलवार, शक ८८४, दुन्दुभि संवत्सर, उत्तरायण संक्रान्तिके दिन दिया गया था। इसमें राजा द्वारा मेलपाडिके स्कन्धावारसे कोंगल देशमें