________________
देवगढ़ के लेख
४६६
के संक्षिप्त वर्णनसे होता है। बीचमें कुछ नामोंकी वंशावली आती है; वह इस तरह है :-१. सायंदेह, २. उसका पुत्र वल्ल देव, ३. उसका पुत्र लक्ष्मीपालदेब, ४. उसका पुत्र हेमरान, ५१, .. पद्मश्री, ७. रत्न, ८. रम्भामय, १०, पद्मसिंह ।
[ JASB, LII, p. 67-80 ] t. & tr.
सरगूरु-संस्कृत और कन्नड़-भग्न ।
[ शक १३४६ = १४२४ ई.] [ सरगूरु ( सरगूरु प्रदेश ) में, गाँव दक्षिणकी ओर पञ्च-बस्तिमें
एक पाषाणपर] श्रीमत्परमगंभीरस्याद्वादामोवलाञ्छनम् । नीयात् त्रैलोक्यनाथस्य शासनं जिन-शासनम् ।।
स्वस्ति शक-वरुष १३४६ नेय शोभकृतु-संवत्सरद वैशाख शु १३ गु। प्रचण्ड-टोर-दण्ड-मण्डली-मण्डन-मण्डलामण्डिताराति-प्रकाण्ड महा-मण्डलेश्वर समुद्र-दायाधीश्वर श्रो-मतु विजय-बुक-राय-राज्याभ्युदये श्रीमद्भगवद हत्परमेश्वर श्रीपाद-पद्माराधकरप्प श्रीमन्महाप्रधान बयिचय-दण्डनाथर पादपद्मोपजीवी होयसल-राज्याधिपति नागण्ण-वोडेयर ... इम्मितूर ........ ताप-हार हण्डलेगणाग्रगण्यर् अप्प श्रीमत्पण्डितदेव इवर शिष्या बयि-नाड महाप्रभु मस
यहळिय कम्पण-गवडर तमगे स्वर्गापवर्ग निमित्यागि बेळगुळद श्री. गुम्मटनाथ-स्वामिगळ अङ्ग-रङ्ग-भोग-संरक्षणार्थवागि तम्म बय-नाडोळगण तोटहल्लिय ग्राम १ आ चतुस्सीमेयोळगण केरें गद्दे-बेहलु-तोट-तुडिके-कुळ होम्बाळ आय-होन्नु ... ... होन्नु हन्दलु-मित्र-होति मादार-तेटे-शुङ्क-निधि-निक्षेप बल पाषाण-मुन्ताद सकल स्वाम्यद कुळवनु रायरु दण्णायकर ... ... यलि नागण.