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बस्तीपुरके लेख
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बस्तीपुर - कवर ।
[ शक १३०५ = १३८३ ई० ]
[ बस्तीपुर ( बळगुळ तालुका) में, सोमा-पाषाण पर ]
श्रीमत्परमगंभीरस्याद्वादामोघलान्छनम् ।
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जीयात् त्रैलोक्यनाथस्य शासनं जिन शासनम् ॥
श्री-मूलसङ्घ कानूर-गण तिन्तिणि गच्छ कोण्डकुण्दान्वयद भीवासुपूज्य- देवर शिष्यरु श्री सकलचन्द्र देवर तपद प्रभावमेन्तेन्दोडे ॥ स्थिरवाक्यं सु-व्रताम्भोनिधि सकळ जगत्-पावनं राजपूज्यं परम-श्री- जैन धम्र्माम्बर- दिनकरनुद्यत्तपोमूर्त्ति
णा । भरणं त्रैविद्य-चक्र श्वर - विमल-पदाम्भोज-बिङ्गं बिनश्रीचरणालंकार - शीरुष (न) म् सुकविजन - यत प्-सन्मुनिं राजहंसं ॥ सोस्ति श्रीशकर्ष १३१५ नेय सुभकृतु-संवत्सरद श्रावण मास - सुद्द नाड्यआदित्यवार-सिंह-लग्नदनि कूरिगिहळ्ळिय प्रभु-गळु गौड -कुल- तिलकर मरेंहोक्कर-कावरु ं शिथिल-बेङ्कोम्बरु सत्यदति कर्णरुमप्प केत-गौड राम-गोड सम्बुव-गोड मादि-गोड मोदलाद समस्त गौडगळु बस्तिय प्रतिष्ठेय माडिसि बस्ति बडगण बिट्ट बेद्दलु को १० पारुष-देवर अमृतपडि ' देवोजन बहर मंगल महा श्री श्री श्री
त्तक ।
[ मूलसङ्घ, कानूरगण, तिन्तिणि गच्छ और कोण्डकुन्दान्वयके वासुपूज्य देवके शिष्य सकलचन्द्रदेवके तपकी स्तुति या प्रशंसा है । कूरिंग (गि) हक्षिके गौड़ोंने एक पारुष-देवकी वस्ति ( मन्दिर ) बनवाई और उसे दान दिया । ]
[ EC, III, Seringapatam tl. No. 144 ]
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