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जैन-शिलालेख संग्रह
५२० श्रवणबेलगेला-काद। [शक १२००-१२७८ ई.]
[जै० शि० सं०, प्र० भा०]
५२१ अमरापुर-संस्कृत तथा कबड़।
[शक १२००=१२७८ ई.] [अमरापुरमें, तालाब के नष्ट बांध में एक पाषाण पर] श्रीमत्परम-गंभीर-स्याद्वादामोघलाञ्छनम् ।
बीयात् त्रैलोक्यनाथस्य शासन (नन-शासनम् ॥ स्वस्ति समस्त-वसुमती-भार-धौरेय-दोर्-द्दण्डरं अधः कृतो-द्दण्ड6 मार्चण्ड-कुलभूषणरुमभिसम्पात-भीषणकमोरेयूरपुर-वराधीश्वरमेनिप्प चोळावनीशरोळ ॥ स्वस्ति श्रीमन्-महा-मण्डलेश्वरं त्रिभुवनमल भुज-बळ-भीम रोद गोव खड़ग-सहदेव अरूवत्तारु-मण्डळिकर तले-गोण्ड-गण्ड बण्टर बाब पर-नारी-सहोदर पडे मेच्चे गण्ड निगम-मन भीतरं कोल मरेवुगे कार शरणागत-वज्र-पञ्जरमसहाय-शूर येकामवीर निश्शंक-प्रताप-चक्रवर्ति वीर-दानव-मुरारि पिकलोण-देव-चोळ. महाराज श्री पृथ्वो-मिडगल्लु-नेलेवीडिनोळु नेलास सुख-सङ्कथा-विनोददि राज्य गेय्युत्तमिरलु शक-वर्ष ॥ १२०० नेय ईश्वर-संवत्सरद भाषादशुद्ध-पञ्चमो-सोमवारन्तु तैलङ्गारेय जोग मट्टिगेय ब्रह्म-जिनालयके मूल-संघ देशिय-गण कोण्ड-कुन्दान्वय पुस्तक-गच्छ यिङ्गळेश्वरद बळिय त्रिभुवन कीविराळर प्रधान शिष्यफ बाळेन्दु भवपारि-देवर प्रिय-गुहुर्नु सङ्गयन बोम्मि-सेटिगं मेळवेगं पुट्टिद मल्लि-सेट्टि तम्मडियहळ्ळिय एरेयगुय्यल तन्न एरडु-भागवू एरडु-सायिर-अडकेय-मरनु तैलोरेय बसदिय