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चिक-मार्गाटके लेख
चिक्क-मागड,
अग्न ।
[ संभवतः कगभग १२२६ ई० ]
[ चिक-मागडिमें, बस्ति के पास के पाषाणपर ]
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स्वस्ति श्रीमतु यादव - नारायण भुजबल - प्रताप चक्रवतिं श्रो-कन्दार देवन ११ नेय बल संवत्सरद त्र - बहुळ- अमवासे-बजुवारदन्दु मुडिय सा... "वन्त सन्यसन- समाधियं माडि सुगति प्राप्तनादं मङ्गळ महा श्री श्री गज सैलेन्दु-शशांक कार्त्तिक कृष्ण पक्षमेने हिमना प्रपष्ट देवर गुड्डनेसेव शान्त मनदोळु ता पञ्च-पदवं चिन्तिसुत्त परिवारं बन्धु - जनमुमाश्रित- जनमुं निलेदेखसं
शनिवार उत्तरायण
स ...
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मरमु
नवरनु सामन्त
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पुरुष-निघाननं सकळ - भोगियनाश्रित कल्प वृक्षनम् । नर- सुर- धेनु वन्दि- सुर-भूज नवीन- मनोज-रूपन / गुरु-पद-भक्ति ळू प्रभाव-साबन्त मुब्बन वो देन करुणि विघात्रमूल पद- लोभिगळिं
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३५१
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स्वर्ग-न 'आप्त-जनं शरणिमदेन्दु··· बुतिहरु ।
मु
( बाकीका मिट गया है ) ।
भुखबल- प्रताप - चक्रवर्त्ति कन्दार-देवके ११वें
[ स्वस्ति । यादव- नारायण वर्ष में, मुडिके सा ••• 'वन्तने, 'सन्यसन' महोत्सव की (विधि) को करते हुए, सुखी हालत प्राप्त की । उसकी और भी प्रशंसा । ( शिलालेख बहुत घिसा हुआ है । ]
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[ EC, VII, Shikarpar tl., No. 198 ]