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मतावारका लेख
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मसावार ।
- [ शक १०६५ = ११४३३० ]
[ मत्तावार ( चिकमगलूर परगना ) में, पार्श्वनाथ मन्दिर के एक पाषाण पर ]
स्वस्ति शक वरुपद सामि ६५ सन्द रुधिरोद्वारि (य) - संवत्सर दिरेशनिवारदन्दु य बुध जकवे गन्ति हेमोरेय मन्तिकापुरदिन्द पुरबेदलु । सुरत देवेन्द्र बुधम् ॥ श्रावकर तोयेतर बु- । धाव ळ परमोंपकारि मति चतुर कळा- । कोविदर बन्धु जन-मा- | निदान-पथरण्य सु-कवि-देवेन्द्र-बुषम् ॥ गोजड - वेग्गडेय गुरुगळ, देवेन्द्र पण्डितरिगे अवर मदमाळिये देक्कन्वेय निषदिय कल्लं मत्तवारद गामुण्ड बूचि वेग्गडे नारणवेग्गडेय्यं पडिकर-माडुव माबलय्य नु निलिसिदरु
[ ( उक्त मितिको ) गौजके वेमाडेके गुरु देवेन्द्र पण्डित की पत्नी देव का स्मारक - पाषाण मत्तावार के गामुण्डोंने खड़ा किया था । ]
[ Ec, VI, Chik magalur tl, no 162 ] ३२२
हिरे आवली - संस्कृत - तथा कचड़
भितचंद्रमखिलमन्यचन '
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[ लोरव परगना, हिरे-आवकी-गांव ]
[ ध्वस्त जैन वस्तिके पास २५ वें पाषाणपर ] स्वस्ति समस्तसुरासुरमस्तकुमकुटांशुनाळवळ घोतपद प्रस्तुतचिन धर्मं श्रीमत्परमगंभीरस्याद्वादामोघलानं ।
बीयात् त्रैलोक्यनाथस्य शासनं बिनश| सनं ॥
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मस्तं