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इस कोश के विज्ञान नका. ज्योति प्रसादन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति तथा इतिहास केन खोतों और जैन विधा के विनियों (धर्म, दर्शन, इतिहास, साहित्य, संस्कृति, कला और पुरातत्व) अन्तर्राष्ट्रीय
याति प्राप्त मूर्षम्य अधिकारी विद्वान थे। सन् १९३२ से वह निरन्तर शोष-खोग में स्वान्तः सुखाय लगे रहे। इतिहास के बैन स्रोतों पर उनका बफेला प्रामाणिक अन्य है।
विशेष रूप से उल्लेखनीय कृतियां : भारतीय इतिहास : एक वृष्टि प्रमुख ऐतिहासिक जन पुरुष और महिलायें तीर्थंकरों का सर्वोदय मार्ग बाविती अयोध्या हस्तिनापुर Jainism, the Oldest Living Religion Roligion And Culture of the Jains The Jaida Sources of the History of
Ancient India ग.अन इतिहास के स्रोतों के विशिष्ट अध्येता के रूप में और एक गहन वस्तुपरक एवं चिन्तनशील मनीषी के रूप में इतिहास के सभी अध्येताओं के लिये प्रेरणा के स्रोत रहे हैं।