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ए. बी. लट्ठे- दे. लट्ठे । एम्मेवर पृथियौड -
कोपण के १२वीं शती ई० के एक शि. ले. में उल्लिखित, उसी नगर के निवासी, और रामराजगुरु माघनंदि सिद्धान्तचक्रवर्ती के गृहस्थ शिष्य तथा मादण दंडनायक द्वारा निर्मार्पित जिनालय मे चौबीसी प्रतिमा प्रतिष्ठापित करने वाले बोप्पण का पिता और मलवे का पति धर्मात्मा राज्याधिकारी । [ देसाई. ३८० ]
अपभ्रम्श महाकवि पुष्पदन्त के आश्रयदाता और राष्ट्रकूट कृष्ण तू. के जैनमन्त्री भरत के पिता । [ जैसाई. ३१६; प्रमुख. १०९ ]
पोसवूर में जिनालय बनवाने वाले मोरकवशो आययगाबुंड का पुत्र और पोलेग (१०२६ ई०) का पिता ये लोग चालुक्य जगदेकमल्ल प्र० के जैन सामन्त थे । [ जंशिसं. iv. १२५] afrefus के प्रभु (शासक) और देशीगण के शुभचन्द्रदेव के गृहस्थ शिष्य ने १११२ ई० में बनकेरे के पार्श्व जिनालय की पूजार्चा के लिए भूमि आदि का दान दिया था । [ जंशिस. २५३; एक. vii. ९७ ]
एरकाट्टि सेट्टि होयसल बोर बल्लाल के राज्यकाल के एक दान-शासन में उल्लिखित धर्मात्मा श्रेष्ठ, जिसका अनुज माचिसेट्टि, भतीजा कालिसेट्टि था- • कालिसेट्टि का पुत्र उदारदानी बम्मय था । [जैशिसं. ii. २१८; एक. xii. १०१]
या एरिकोटि, अमोघवर्ष प्र० के ८६० ई० के कोनूर शि. ले. के अनुसार सम्राट के प्रधान सेनापति जंन वीर चेल्लकेतन बखूश या वायरस का पितामहं और कोलनूर के राजा घोर का पिता, तथा वीर मुकुल का पुत्र, राष्ट्रकूट वधारा वर्ष का सचिव व सेनानायक । [जैशिसं. ii. १२७ ए. vi ४;
एयण
एरकरण-
उल्लिखित after frenesकुरत्ति का एक शिष्य साधु । [वेसाई. ६७ ]
एरकोटि
भाइ ३०३; प्रमुख. १०४ ]
एरिकोटिगोड ल० १२०० ई० में नागरखंड के कणसेगि का धर्मात्मा दानो
जैन सामन्त । [प्रमुख. १३२]
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ऐतिहासिक व्यक्तिकोश