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१०. शलना का परमार नरेश उदयादित्य द्वि. जो मोज का मनुज और जयसिंह ( ११५५-६० ई०) का चचा एवं उत्तराधिकारी था और कर्ण सोलंकी का समकालीन था । [ गुच. २४२ ] उदयाम्बिका-- चालुक्य सम्राट त्रैलोक्यमहल के सामन्त, बनवासि प्रान्त के
शासक गोविन्दरस के पुत्र राजभक्त सोवरस ( सोमनुप) की धर्मात्मा पत्नी सोमाबि से उत्पन्न राजकुमारी उदयाम्बिका और बीराम्बिका बड़ी धर्मात्मा एवं दानशीला थीं। इन्होंने, ११०० ई० के लगभग सण्ड नामक स्थान में अति उत्तुंग भव्य जिनालय निर्माण कराया था। उदयाम्बिका का विवाह जूजिननृप के पराक्रमी पुत्र कुमार गजकेसरी के साथ हुआ था । [प्रमुख. १९५९ जेसिसं. ii. २४३; एक. vii. ३११]
१. दे. अजउदयी व उदायी अजातशत्रु का पुत्र एवं उत्तराधिकारी मगधनरेश । [ प्रमुख. २० ]
२. मालवा के परमार नरेश उदयादित्य (न० ३ ) का अपरनाम । [देमाई. २४५ ]
उदग्री----
उदयेन्दु
उदाई
उदायन-
उदायी
९. बाणवंशी, वीर विब्वरस का वंशज और वीर गोंकरस के पुत्र राजा उदयादित्य ने कलचुरि नरेश रायमुरारि सोविदेव के शासनकाल में, ११७३ ई० में, कालगी के जिनालय के लिए दान दिया था। [देसाई. ३१४]
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दे. उदयचन्द ( न० ८), शास्त्रसार समुच्य टोका के कर्त्ता माघनन्दि ( १२६० ई०) के प्रगुरु, कुमदचन्द्र के गुरु मौर वासुपूज्य afar के शिष्य, उदयेन्दु या उदयचन्द्र, मूलसघी भट्टारक । के पौत्र नाथू ने १५४३ ई० में आगरा में एक जिनप्रतिमा प्रतिष्ठित कराई थी। [बंशिसं. v. २३७ ] उायन या उदयन (०२), महावीर का एक आदर्श श्रावक, वीतभयपत्तन नरेश - दे. उदयन न० २ । [ प्रमुख. १२-१३ ] उदयी, उदयन, उदयभट या अजउदयी, मगध सम्राट अजातशत्रु कुष्णकि का पुत्र एवं उत्तराधिकारी, महान जैन नरेश, राजधानी पाटिलपुत्र का वास्तविक निर्माता, कुशल प्रशासक, पराक्रमी विजेता, युबराजकाल में अंगदेश (चम्पा) का प्रान्तीय शासक रह चुका था । अन्त में एक शत्रु द्वारा छल से हत्या कर दी ऐतिहासिक व्यक्तिकोश
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