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अकका
जेन-ज्योतिः
ऐतिहासिक व्यक्तिकोष
प्राचीन मथुरा के जैन संघ की एक प्रभावक आर्थिका, बारणगणमहटिकियकुल- बजनागरीशाखा के पति की शिष्या, महनंदि एवं बलवर्म को श्रद्धाचारी तथा नन्दा की शिष्या, जिसके उपदेश से ग्रमिक जयदेव की पुत्रवधु और प्रमिक जयनाग की धर्मपत्नि सिंहंदता ने वर्ष ४० (सन् ११० ई०) मे एक शिलास्तंभ स्थापित किया था ।
[जैकिस. ii ४४; एवं-१, ४३ नं० १] मक्कादेवी- हुमच्च के सान्तर नरेश राय सान्तर की धर्मात्मा रानी और उसके उतराधिकारी चिक्कवीर सान्तर की जननी,
( ल० १००० ई०) [ प्रमुख १७२]
अक्कादेवी- चालुक्य राजकुमारी, जयसिंह द्वि० जगदेकमल्ल (१०१४-४२ ई० ) की भगिनी, जिसने अरसिबोडि में गोणद- वेडंगी नामक सुन्दर जिनालय निर्माण कराया था, बौर २०४७ ६० मे, चालुक्य नरेश सोमेश्वर प्र० के शासनकाल में, गोकाक दुर्ग में निवास करते हुए उक्त जिनालय के रखरखाव तथा मुनि आधिकाओं के बाहार दानादि के लिए मूल संघ-सेनगण-पोगरिगच्छ के आचार्य नागसेन पंडित को भूमि आदि का प्रभूत दान दिया था। [ देसाई १०५ -६ एवं xvil, पृ० १२२: जेविसं iv, १२४ ] देवी- साम्तर नरेश तेल तु• त्रिभुवनमल्ल जगदेकदानी (११०३ ई०) की द्वितीय रानी, नति सान्तर की साली, काम, सिंगम एवं
ऐतिहासिक व्यक्तिको
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