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बाहिल-
इ
राजा हुआ। [ गुच. १४९, २३९]
आसाम- दे. आल्हणदेव । [ गुच. १५३]
इक्ष्वाकु
४. माहवमल पेमनहि महामंडलेश्वर ने १०८४ ई० में बान्धप्रदेश के कीर्तिनिवास शान्ति जिनालय में मुनियों के आहारदान के लिए आचार्य कमलदेव सिद्धान्ती को भूमिदान दिया था। [जंशिस v. ५३ ]
५. चन्द्रवाड ( फिरोजाबाद, उ० प्र० ) का जैनधर्मावलम्बी चौहान नरेश माहवमल्ल ( ल० १२५७ ई०) जो श्रीबल्लाल का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था उसके पिता के जैन मन्त्री सोड का ज्येष्ठपुत्र रश्मपाल इस राजा का नगरसेठ था, और कनिष्ठ पुत्र कृष्णादित्य राज्य का प्रधानमन्त्री एवं सेनापति था ।
प्रथम तीर्थंकर आदिपुरुष भगवान ऋषभदेव का एक अपर नाम, teree (गने) के प्रयोग एवं उपयोग का अविष्कार करने के कारण पड़ा; इसी आधार पर उनके वंशजों, प्राचीन भारत के क्षत्रियों का आद्यवंश इक्ष्वाकुवंश कहलाया । [ भाई २४; महापु.]
इच्छादेवी -- कमडी भुजवलि चरित के अनुसार म. ऋषभदेवकी रानी सुनन्दा
इडिमट्ट
[ भाइ. ४५६ ; प्रमुख. २४८ ]
नाडील का चामानवंशी जैन नरेश, महेन्द्र का पौत्र, अश्वपाल का पुत्र, अणहिल्ल का भतीजा, ल० १०५० ई० । उसके निस्संतान होने के कारण उसके पश्चात उसका बचा अणहिल्ल
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से उत्पन्न पुत्र, पोदनपुर नरेश मुजबलि 'बाहुबलि' की माय । [जैशिस i. भू. २४ ]
सरस्वती पूजन की जयमाल के रचयिता । [ दिल्ली-धर्मपुरा प्रति १६ / २]
ऐतिहासिक व्यक्तिकोश