________________
किरण १]
जन-सिद्धान्त-भवन पारा का वार्षिक विवरण
भारतीय समाचार (२४) वीर लोकाशाह (२५) जैन मित्र (२६) जैन सन्देश (२७) जैन गजट (२८) जयहिन्द-दैनिक का साप्ताहिक विशेषाङ्क (२९) भविष्य फल ।
गुजराती-जेन सत्यप्रकाश कन्नड़-(१) जयकर्णाटक ( २ ) शरण साहित्य ( ३ ) विवेकाभ्युदय । तेलगु--'आन्ध्र साहित्य परिषद पत्रिका।
अंग्रेजी-1) Annalas of the Bhandarkar oriental research istitute Poona (2)The journal of the university Bombay. (3)Karnatak historical revew. (4) The Adhyar library bulleten (5) The journal of the United province historical society. (6) The journal of Annamalia university. (7. The Poona orientalist. (8) The quarterly of my wic society. (9) (10) The journal of the Rayalasiatic society of Bengal. - (11) The journal of the Royalasiatic society of Bombay. (12) The Fergusson Cellege magazin. (13) The journal of the Bihar and Orissa research society. (14) The journal of the Benares Hindu university. (15) The Andhra university college magazine and chronical. (16) The journal of the Sindh historical society, 17) The journal of tanjore saraswati library: (18The Bombay theosophical bulletin. (19) The Jain jezele (20) The Indian liurary review. (21. The Journal of the Ganganath Jha research institute Allahabad. (22) The Brahim bidya (23) Hima. layant imes.
इस प्रकार भास्कर के परिवर्तन में कुल ५७ पत्र-पत्रिकाएं आती रही हैं। इनके अतिरिक्त the indian historical titi teriy (२) विशाल भारत (३) सरस्वती (४) साप्ताहिक संमार । ५ ) ननिक मंमार (६) आज (७) सन्माग (0) विश्वमित्र (६ ) आर्यावर्त (10 The Searchlight (II)The Indian nation (12)
भारत (१३) लीडर ये पत्र मूल्य देकर भवन' में मँगाये जाते रहे हैं।
पाटक ----वन के सामान्य पाठक के हैं, जो भवन में ही बैठकर अभीष्ट ग्रन्थों का अध्ययन करते हैं। क्योंकि सवसाधारण जनता को ग्रन्थ घर ले जाने के लिये नहीं मिलते। इन पाठकों के अतिरिक्त विशेष नियम से कुछ लोगों को घर ले जाने के लिये भी ग्रन्थ दिये गये हैं। इन ग्रन्थों की इस वर्ष की संख्या ४५२ है। इनमें स्थानीय व्यक्तियों के अतिरिक्त श्रीमान् पं० कैलाश चन्द्र जी सिद्धान्त शास्त्री याद्वाद विद्यालय काशी; श्रीमान् प्रो० गो० खुशाल जैन एम० ए०, साहित्याचार्य काशी विद्यापीठ बनारस; श्रीमान् पं० फलचन्द्रजी सिद्धान्त-शास्त्री वर्णी-ग्रन्थ माला काशी, श्रीमान् बा० कामताप्रसादजी जैन एम० आर० ए० एस०, श्रीमान् डा० ए० एन० उपाध्ये एम० ए०, डी० लिट कोल्हापुर श्रीमान् गमसिंह तोमर एम० ए० रिचस स्कालर शान्तिनिकेतन बंगाल; श्रीमान् अगरचन्द्र नाइटा बीकानेर