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________________ किरण १] विविध विषय ६७ - देवली के ऊपर एक तीर्थकर मूर्ति अङ्कित है, जिसके नीचे सर्प चिन्ह बना हुमा है। लेख निम्न प्रकार है : २ "संवत् १०७६ पौष शुदि १२ श्री पद्मलेनाचार्य देवलोकं गतः ॥ चित्रनंदिना प्रतिष्ठेयं ।" .. ३ "संवत् १०३६. पौष वदि १ श्री पद्मपेनाचार्य देवनोकंगतः । देवनंदिना प्रतिष्ठेयं।" एक अन्य शिलालेख इस प्रकार है : ४ स्वाती श्री महाराजाधिराज श्री वासुदेवरा नः ॥ संवत् १२१६ माघपुदि १३ सन दिने नाहमेल वछम गोत्र सीह सुनः रागेजन स्वर्ग गतः ॥ वेरुणल ग्रामश्च ।" विजोलिया ( मेवाड़ ) का एक शिलालेख भी निम्न प्रकार उद्धृत किया है :- . "श्री गुरुभ्यो नमः। श्री मारमगंभीरं स्याद्वादमोघलांछनं। जीयात्रैलोक्यनाथस्य शासनं जिनशासनं ॥१॥ श्री वलात्कारगणे । सरस्वतीगच्छे। श्री महिसंघे । (?) कुन्दकुन्दावार्यन्वये भट्टारक श्री...... ..कीर्तिदेवा....चन्द्रदेवास्ताट्टे भट्टारक श्रीरलकीर्तिदेशातस्पट्टे भट्टारक श्री राम देवास्तपट्टे भट्टःरक श्री पद्मानंदि देवास्तपट्टे भट्टारक श्री भानुचन्द्र देवाः । कस्य तीर्थकरस्पेव महिमा भुवनानिगः । रलतियां न तुत्यः स न के षाम... ......१॥ अहंकार स्फारो भवदमित वे......विवधो लसरलां नश्रेणी क्षपण निधनोक्तिद्युति चुरः। अत्रीती जैनेन्द्रे जनि र निन्गय प्रतिनिधिः प्रभा चन्द्रः सांद्रोदय शमितताय व्यतिकरः ॥२। श्रीमसभाचंद्र मुनींद्रपट्ट लब्ध प्रतिष्ठः प्रतिभागरिष्ठः । विशुद्ध सिद्वांतरहस्य रत्नरत्ना करो नंदतु पद्मनन्दी ॥३॥ पद्मनंदि मुणे पट्टे शुभचन्द्रो यतीश्वरः। तर्कादिकविद्य'सु गच्चं धारोक्ति सांगतं ॥४। पट्टे श्री यति पद्मनंदि विदुषश्चारित्र चूड़ामणिः सयाम्या (?) मृतम (१) घ कैरव कुलं तुष्टिं परां नीतवान् । वाणीलब्ध ...... ..वः प्रसाद महिमा श्रमच्छुभे दुर्गुणी मिथ्याध्वांत विनाशनेक सुकरः स......घ चिन्तामणिः ॥...... वई लोक .....विनय सिरि तस्याः शिक्षणी वाई चारित्रसिरि ॥ वाई चारित्र को शिक्षणी ६ वाई भागमसिरि वाई श्चरि..........तस्या इयं निषेधिका आचंद्र तारकाक्षयं ॥ संवत् १४८३ वर्षे फल्गुन शुदि ३ गुरौ ॥ शुभमस्तु ॥" __ श्री शिलालेख से विजोलिया ( मारवाड़) में १५ वीं शताब्दि तक दिगम्बर जैनआर्यिकाओं की एक परम्परा का अस्तित्व प्रमाणित है। ऐसी ही एक मार्यिका का यह निषधिका लेख है।
SR No.010080
Book TitleBabu Devkumar Smruti Ank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherJain Siddhant Bhavan Aara
Publication Year1951
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size47 MB
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