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________________ सम्राट सम्पति और उसकी कृतियाँ [ले - श्रीयुत पं० नेमिचन्द्र शास्त्री, ज्योतिषाचार्य, साहित्यरत्न ] जैन सिद्धाना-भास्कर भाग १६ किरण २ में सम्राट् सम्प्रति के परिचय और महत्ता के सम्बन्ध में बहुत कुछ लिखा जा चुका है। मौर्य साम्राज्य की वंशावली इतिहास के आधार पर इस प्रकार है। - चन्द्रगुप्त ने ई० पू० ६२० से २६- ई० पू० अर्थान २४ वर्ष राज्य किया, इसके पश्चात इसका पुत्र विन्दुसार राज्यासीन हुआ. इमने ई० पू०२६- से ई. पू. २७२ तक अर्थात् २६ वर्ष राज्य किया। इसके पश्चात् इनके पुत्र अशोकवद्धन ने राज्यभार ग्रहण किया। इसने ई० पू० २७२ से ई० पू० २६२ तक अर्थात् ४० वर्ष राज्य किया। अशोक के उत्तराधिकारियों की वंशावली निम्न है। अशोक रानी पद्मावती रानी तियर क्षता गगनी संधि मित्रा, रानी अमंधि मित्रा का दामा कुणाल (सुयश). दशरथ नीमर की महेन्द्र कुमार, नई मित्रा कन्या जनाई. __.५४,७८वपकी श्रायु , ५ वर्ष की प्राय ये दोनों भाई बहन बुद्धधर्म के प्रचार में लगे रहे संप्रति उर्फ प्रियदर्शिन, शालिशुक उर्फ बन्धु पातित धर्माशोक, इन्द्रपालित ऋषभसेन बलोक तीवर चाइमती कन्या वरल पुत्र मत्यपुत्र शनिशुक या सुभगसेन देवपाल के साथ निबंटन सूक तुमार दामादर विवाह हुआ था.
SR No.010080
Book TitleBabu Devkumar Smruti Ank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherJain Siddhant Bhavan Aara
Publication Year1951
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size47 MB
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