SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 173
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ भाग १७ 'भगवती आराधना' में चाणक्य के मुनि जीवन का और अन्त में घोर उपसर्ग सहन कर समाधि मरण द्वारा सद्गति प्राप्त करने का वर्णन है' । १६ भास्कर चली गई यहाँ तक कि अब इस भूल का उन्मूलन एक अशक्यानुष्ठान ही प्रतीत होता है । सिकन्दर और चन्द्रगुप्त के समकालीनत्व को मानकर ही भारतीय इतिहास की पूर्वापर कालानुक्रमणिका स्थिर की गई और उस भूल के फलस्वरूप अनेक महत्त्वपूर्ण तिथियों में जो अत्यधिक प्रबल पुष्ट एवं प्राचीन धागें तथा प्रमाण बाहुल्य से कुछ श्रौर सिद्ध होती हैं, वास्तविक से भिन्न मानी जा रही हैं - ऐसे अनेक उदाहरणों में से महावीर और बुद्ध की निर्वाण तिथियों अत्यन्त महत्वपूर्ण उदाहरण हैं ? प्रो० चटर्जी भी आधुनिक विद्वद् परम्परा के अनुसार ही चन्द्रगुप्त का समय ३२३ ई० पू० मानकर महावीर निर्वाण ४७६ ई० पू० में होना कथन करते हैं, जिसकी वास्तविक तिथि ५२ ई० पू० है । १ – अनेकान्त २, १
SR No.010080
Book TitleBabu Devkumar Smruti Ank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye, Others
PublisherJain Siddhant Bhavan Aara
Publication Year1951
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size47 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy