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किरण १]
श्री बाबू देवकुमार जी का वसीयतनामा
मैंने अपना परलोक सुधारने के लिये कुछ दान देने की प्रतिशा की है, जिसकी शर्ते निम्न प्रकार हैं। परन्तु अभी तक यह चन्दा दिया नहीं गया है, अतः मेरे उत्तराधिकारियों, प्रबन्धकों का कर्तव्य है कि वे उन सब दानों की रकमों को अगली सूची के अनुसार देने से इंकार न करें जिससे मेरी सदिच्छा और ध्येय पूरा हो।
दि. जैन महासभा के कुंडलपुर के प्रस्ताव के अनुसार जैन गजट को चिरस्थायी बनाने और उसकी उन्नति के लिये एक जैन प्रेस कम्पनी स्थापित की गयी है, जिसके मैंने ५० हिस्से ( शेयर ), जो कि प्रत्येक १०) रुपये का है, जिनकी कुल रकम ५००) रुपये हैं, खरीदे हैं। परन्तु अभी तक उनका पूरा रुपया नहीं दिया गया है, अतः मेरे प्रबन्धको और उत्तराधिकारियों का कर्तव्य होगा कि वे पूरा रुपमा देकर सब हिस्से ( शेयर ) प्राप्त कर लें। यह रुपया जनरल स्टेट की प्रामदनी से दिया जाय । जब इन सभी शेयरों का रुपया चुक जाय तो इन शेयरों का सारा मुनाफा जैन गजट को मिले और इन शेयरों पर जैन गजट का ही स्वत्व रहे। ___ महावीरचंद सुपुत्र स्वर्गीय श्रीकृष्णचन्द, जो मेरे फुफेरे भाई हैं, जिनको मैंने मकान दिया है
और जिनके भरण-पोषण के लिये मासिक सहायता भी दी जा रही है। उनके ऊपर आज तक हिसाब करने से हमारा ३३३६॥ ) निकलता है। मैं स्वेच्छा से उनको अवस्था पर सहानुभूति प्रकट करते हुए इन रुपयों को छोड़ता हूँ और हिसाब साफ करता हूँ। मेरे प्रबन्धकों और उत्तराधिकारियों को उनसे तकाजा करने का अधिकार नहीं है।
भादों २१ फसली सन् १३११ में २६ बीघा खेत जो गाँव डीहपुर, परगना भोजपुर जिला शाहाबाद में है, २० बीघा ५ का रैयती जमीन जो २५ जुलाई १६०५ में और ६ बीघा जमीन तारीख १६ फरवरी १९०७ में खरीदी गई है। उसे तथा बंगाल बैंक बाँकीपुर के सेविंग बैंक खाते में ७५०) करये, जो हमारे मुनीम व खजाँची गोपीनाथ के नाम से जमा हैं; जैन जाति के अनाथ और विधवाओं के भरणपोषण की सहायता के लिये दान करता हूँ। मेरा यह उद्देश्य रहा है कि जैन जाति के अनाथ और विधवाओं का समुचित संरक्षण किया जाय, इसलिये मैं अपनी उपर.क्त जायदाद को उक्त उद्देश्य की पूर्ति के लिये जैन अनाथालय हिसार (पंजाब) को दान करता हूँ। यह अनाथालय इस जायदाद से हमारे उद्देश्य की पूर्ति करेगा।
दीन मुहम्मद खाँ सुपुत्र चिराग अली खाँ, गाँव रानीसागर, परगना बिहीया, जिला शाहाबाद जो हमारे पिता के समय से मुख्तार और कारिन्दा रहे पाये हैं, यह हमारे शुभचिन्तक और प्राज्ञाकारी हैं। मैं इनसे सदा प्रसन्न रहा हूँ। इनको इस समय २५) माहवारी वेतन दिया जाता है, हमारी इच्छा है कि जब तक यह स्टेट का काम करने लायक रहे, २५) माहवारी के हिसाब से वेतन दिया जाय । यदि ये किसी कारण काम करने लायक न रहें तो स्टेट से २०) रुपये मारवारी पेनसन दी जाय।