________________
सदाचार
पांच अणुव्रत सदाचारी व्यक्ति न्याय से धन कमाता है, गुरुजनों का आदर करता है और मीठी वाणी बोलता है । ऐसा व्यक्ति लज्जाशील होता है और सज्जनों की संगति में रहता है। ऐसे सदाचारी व्यक्ति सदा पांच व्रतों का पालन करते हैं । गृहस्थ के लिए ये पांच व्रत छोटे रूप में होते हैं इस लिए उन को अणु (छोटे) व्रत कहा जाता है और संन्यासी उन को बड़े रूप में पालन करते हैं इस लिए उन को महाव्रत कहा जाता है ।
(१) अहिंसा अणुव्रत-एकेन्द्रिय जीव की हिंसा गृहस्थ के लिए वर्जित नहीं है। परन्तु द्विन्द्रीय जीव या तीनीन्द्रीय, चौइन्द्रीय और पंचेन्द्रिय जीवों की हिंसा गहस्थ को भी यथासम्भव नहीं करनी चाहिए। इस हिंसा के भी अनेक भेद हैं जो आगे चल कर 'हिमा' के विशेष पाठ में पढ़ाए जाएंगे। यहां केवल इतना ही समझ लेना पर्याप्त होगा कि जीव हिंसा से जहां तक संभव हो बचना चाहिए। हिंसा केवल जान से मार देने को ही नहीं कहते । किसी को बांध कर अकारण