________________
मानव जीवन का उद्देश्य
अक्सर जीवन में बच्चों से यह प्रश्न पूछा जाता है बड़े हो कर तुम क्या बनोगे ? कोई कहता है कि मैं पढ़ लिख कर डॉक्टर बनूंगा, कोई
कहता है इंजीनियर वनूंगा, कोई
____ कहता है मैं प्रोफेसर - बनूंगा, तो कोई कहता है कि मैं ___ तो लीडर ही बनूंगा । इन सब बातों में
रुपया कमा कर समाज में अपना स्थान बनाने की भावना होती है। लगता है कि जैसे ज्यादा से ज्यादा रुपया एकत्रित कैसे किया जाए यही सारे संसार का एकमात्र उद्देश्य बन गया है।
हमारे देश में, जो महावीर, बुद्ध, गांधी जैसे तपस्वियों की या भीष्म पितामह, श्रीकृष्ण, रामचन्द्र
और ध्रुव जैसे कर्मवीरों की पुण्य जन्म-भूमि है, यह कोई नहीं कहता कि वड़ा हो कर मैं कोई ऐसा काम करना चाहता हूँ जिस के द्वारा समाज-सेवा, देश-सेवा या आत्म-कल्याण कर के सुख-शान्ति स्थापित हो ।