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का नाम है उन में भगवान ऋषभदेव को पाठवां अव-.... तार बताया गया है।
भगवान ऋषभदेव की नन्दा और सुनन्दा नाम की दो रानियां थीं और उन के अनेक पुत्र-पुत्रियां हुईं। उन में से सब ने बड़े पुत्र भरत, जो रानी नन्दा के पुत्र थे, सारे भारत को जीत कर चक्रवर्ती राजा हुए और उन्हीं के नाम पर इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। दूसरे पुत्र, जो रानो सुनन्दा के पुत्र थे, घोर तपस्या कर के मोक्ष गए । उन को एक ५७ फुट ऊंची प्रतिमा मैसूर राज्य के श्रवणवेलगोल नामक गांव में एक पहाड़ी पर बनी हुई है। इस प्रतिमा को गोमटेश्वर भी कहते हैं। यह संसार की सब से सुन्दर प्रतिमानों में गिनी जाती है और सारी दुनिया से यात्री उसे देखने के लिए पाते हैं।
भगवान ऋषभदेव के राज्य में प्रजा बड़े सुख से रहती थी। एक दिन की बात है कि एक लड़की जिस का नाम नीलांजना था, दरवार में नाचते-नाचते अकस्मात् मर गई। उसकी मृत्यु से भगवान ऋषभदेव को बड़ा दुःख हुया और वह समझ गए कि यह संसार असार है और इससे छुटकारा पाने का रास्ता ढूंढ़ना चाहिए। इसलिए भगवान ऋषभदेव राजपाट अपने