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भारत में धर्म के आदि प्रवर्तक
ऋषभ देव अयोध्या के राजा नाभिराय के पुत्र थे। उनकी माता का नाम मरुदेवी था। 'जिस समय उनका जन्म हुया उस समय तक संसार में कल्पवृक्ष होते थे। आदमी की हर आवश्यकता को कल्पवृक्ष पूरी करते थे। परन्तु भगवान ऋषभ देव के जन्म के कुछ दिन बाद ही कल्पवृक्ष सूखने लगे । तब जनता को यह चिन्ता हुई कि अब भोजन, पानी, वस्त्र, इत्यादि कैसे मिलेगा।
जनता को दुखी देख कर भगवान ऋपभ देव ने उन को भोजन के लिए खेती करके अनाज पैदा करना सिखाया। शत्रु से अपनी रक्षा करने के लिए अस्त्रशस्त्र चलाना सिखाया । जिस से जनता बुद्धिमान बने,