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________________ [ ६५ ] तू मरकर (लभसे) पावेगा (तेन) इसलिये तू (परब्रह्म) परब्रह्मको (मुक्त्वा) छोड़कर (परद्रव्ये) परद्रव्य में (मति) बुद्धिको (मा कार्षीः) मत कर । भावार्थ-शुद्धद्रव्याथिकनयकर टांकीका-सा गढ़ा हुआ अघटितघाट, अमूर्तिक पदार्थ, ज्ञायकमात्र स्वभाव, वोत राग, सदा आनन्दरूप, अद्वितीय अतीन्द्रिय सुखरूप, अमृतके रसकर तृप्त, ऐसे निज शुद्धात्मतत्वको छोड़कर द्रव्य कर्म भावकर्म नोकर्म में या देहादि परिग्रहमें मनको मत लगा ||११२।। एवं सूत्रचतुष्टयेनान्तरस्थले परलोकशब्दव्युत्पत्त्या परलोकशब्दवाच्यस्य परमात्मनो व्याख्यानं गतम् । तदन्तरं किं तत् परद्रव्यमिति प्रश्ने प्रत्युत्तरं ददाति जं णियदव्वहं भिण्णु जडु तं पर-दव्यु वियाणि । पुग्गलु धम्माधम्मु णहु कालु वि पंचमु जाणि ॥११३॥ यत् निजद्रव्याद् भिन्नं जडं तत् परद्रव्यं जानीहि । पुद्गलः धर्माधर्मः नभः कालं अपि पञ्चमं जानीहि ।।११३॥ इस प्रकार पहले महाधिकार में चार दोहा-सूत्रोंक र अन्तरस्थल में परलोक शब्दका अर्थ परमात्मा. किया । आगे परलोक (परमात्मा) में ही मन लगा, परद्रव्यसे ममता छोड़ ऐसा कहा गया था, उसमें शिष्यने प्रश्न किया कि परद्रव्य क्या है ? उसका समाधान श्रीगुरु करते हैं-(यत्) जो (निजद्रव्यात्) आत्म-पदार्थसे (भिन्न) जुदा (जडं) जड़ पदार्थ है, (तत्) उसे (परद्रव्यं ) परद्रव्य ( जानीहि ) जानो, और वह परद्रव्य (पुद्गलः धर्माधर्मः नमः कालं अपि पंचमं) पुद्गल धर्म अधर्म आकाश और पांचवां कालद्रव्य (जानीहि) ये सब परद्रव्य जानो । भावार्थ-द्रव्य छह हैं, उनमें से पांच जड़ और जीवको चैतन्य जानो । पुद्गल. धर्म अधर्म काल आकाश ये सब जड़ हैं, इनको अपनेसे जुदा जानो और जीव भी अनन्त हैं, उन सबोको अपने से भिन्न जानो । अनन्तचतुष्टयस्वरूप अपना आत्मा है, उसीको निज (अपना) जानो, और जीवके भावकर्मरूप रागादिक तथा द्रव्यकर्म, ज्ञानावरणादि आठ कर्म, और शरीरादिक नोकर्म, और इनका सम्बन्ध अनादिसे है, परन्तु जीवसे भिन्न है, इसलिये अपने मत मान । पुद्गलादि पांच भेद जड़ पदार्थ सब हेय जान, अपना स्वरूप ही उपादेय है, उसीको आराधन कर ।।११३।।
SR No.010072
Book TitleParmatma Prakash evam Bruhad Swayambhu Stotra
Original Sutra AuthorYogindudev, Samantbhadracharya
AuthorVidyakumar Sethi, Yatindrakumar Jain
PublisherDigambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages525
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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