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________________ श्री पद्मावती पुरवाल जैन डायरेक्टरी १११ रहे है। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं और सर्विस करते हैं। मूल निवासी जौंधरी के है। पन्नालाल जैन 'सरल' सुपुत्र वाबूलाल जैन, गांधीनगर फिरोजाबाद (आगरा) इस परिवार मे तीन पुरुष वर्ग में तथा चार स्त्री वर्ग में कुल सात सदस्य हैं। दो लड़के तथा तीन लड़की अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख विशारद तक शिक्षित हैं और व्यापार व्यवसाय करते हैं। मूल निवासी गढी हंसराम के हैं। प्यारेलाल जैन सुपुत्र छेदालाल जैन, नईवस्ती फिरोजाबाद (आगरा) इस परिवार में तीन सदस्य पुरुष वर्ग में है। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित है और सर्विस करते हैं। मूल निवासी कुशवा के है। प्यारेलाल जैन सुपुत्र सेवतीलाल जैन, बड़ा मुहल्ला फिरोजाबाद (आगरा) इस परिवार में छ पुरुष वर्ग में तथा चार स्त्री वर्ग में कुल दस सदस्य हैं। चार लड़के तथा एक लड़की अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षा में पढ़ रहे हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं और सर्विस करते हैं। पारसदास जैन सुपुत्र हुण्डीलाल जैन, जैन कटरा फिरोजाबाद (आगरा) इस परिवार में दो पुरुष वर्ग में तथा एक बी वर्ग में कुल तीन सदस्य है। एक साला अविवाहित हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित है और व्यापार व्यवसाय करते हैं। पुत्तूलाल जैन सुपुत्र ज्योतिप्रसाद जैन, नईबस्ती फिरोजाबाद (आगरा) इस परिवार में पॉच पुरुष वर्ग में तथा पाँच स्त्री वर्ग में कुल दस सदस्य हैं। तीन लड़के तथा तीन लड़की अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ रहे है । परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित है और व्यापार व्यवसाय करते है। मूल निवासी कौरारा के है। पुष्पेन्द्रकुमार जैन सुपुत्र फूलचन्द जैन, जैन कटरा फिरोजावाद' (आगरा) इस परिवार में चार पुरुष वर्ग में तथा पॉच बी वर्ग में कुल नौ सदस्य हैं। तीन लड़के तथा चार लड़की अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ रहे हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित है और कपड़े के व्यवसायी है। मूल निवासी जारखी के हैं। प्रकाशचन्द जैन सुपुत्र हरप्रसाद जैन, नईबस्ती फिरोजाबाद (आगरा) इस परिवार में तीन पुरुप वर्ग में वथा एक स्त्री वर्ग में कुल चार सदस्य हैं। एक लड़का बाल्यावस्था में है। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं और सर्विस करते हैं। मूल निवासी भदान के हैं।
SR No.010071
Book TitlePadmavati Purval Jain Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugmandirdas Jain
PublisherAshokkumar Jain
Publication Year1967
Total Pages294
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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