SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 193
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्री पद्मावती पुरवाल जैन डायरेक्टरी ३७१ मोतीलाल जैन सुपुत्र फौजमल जैन, जावड़िया घरवास (शाजापुर) इस परिवार में चार पुरुष वर्ग में तथा वीन श्री वर्ग में कुल सात सदस्य हैं। दो लड़के तथा दो लड़की अविवाहित हैं और विभिन्न कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख कृषिकार्य करते हैं। मूल निवासी जावड़िया घरवास के ही हैं। गाँव-नलखेड़ा (शाजापुर) श्रीधरलाल जैन सुपुत्र काम्पिलदास जैन, नलखेड़ा (शाजापुर) इस परिवार में यह सज्जन अकेले ही हैं और साहित्य भूषण, सिद्धान्तशास्त्री, भिषगाचार्य आदि शिक्षाओं से विभूषित हैं और अध्यापन का कार्य करते हैं। मूल निवासी फिरोजाबाद (आगरा) के हैं। गाँव बुडलाय (शाजापुर) मदनलाल जैन सुपुत्र सुखदेव जैन, बुडलाय (शाजापुर) इस परिवार में तीन पुरुष वर्ग में तथा तीन स्त्री वर्ग में कुल छ सदस्य हैं। दो लड़के तथा दो लड़की अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख सातवीं कक्षा तक शिक्षित हैं तथा कृषिकार्य करते हैं। मूल निवासी बुडलाय के ही हैं। राजमल जैन सुपुत्र सुखदेव जैन, वुडलाय (शाजापुर) इस परिवार में तीन पुरुष वर्ग में तथा एक स्त्री वर्ग में कुल चार सदस्य हैं। दो लड़के अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं तथा कृषिकार्य करते हैं। मूल निवासी वुडलाय के ही हैं। सरदारमल जैन सुपुत्र पावलराम जैन, वुडलाय (शाजापुर) इस परिवार में एक पुरुष वर्ग में तथा चार स्त्री वर्ग में कुल पाँच सदस्य हैं। तीन लड़को अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रही है। परिवार प्रमुख व्यापार व्यवसाय करते है। मूल निवासी बुडलाय के ही है। हेमराज जैन सुपुत्र सुखदेव जैन, बुडलाय (शाजापुर) इस परिवार में तीन पुरुष वर्ग में तथा दो बी वर्ग में कुल पाँच सदस्य हैं। दो लड़के तथा एक लड़की अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं तथा कृषिकार्य करते हैं। मूल निवासी बुडलाय के ही हैं।
SR No.010071
Book TitlePadmavati Purval Jain Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugmandirdas Jain
PublisherAshokkumar Jain
Publication Year1967
Total Pages294
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy