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उक्त परिचय विवरण से निम्न तथ्य सामने आया है । पद्मावती पुरवालों की जनसंख्या जिसमें स्त्री, पुरुष, वालक. बालिकाये सभी सम्मिलित है। लगभग ३५१७५ है ।
इसके संपादन में श्रीमान् सेठ जुगमन्दिरदास जी कलकत्तावालों ने पर्याप्त श्रम किया है। वस्तुतः यह कार्य जितना आवश्यक था उतना ही उपेक्षित था और यह आशा भी नहीं की गई थी इस प्रकार को किसी डायरेक्टरी का निर्माण भी हो सकेगा। अकस्मात् बिना किसी घोषणा और प्रदर्शन के आपने इस काम को अपने हाथ में लिया और मूक सेवक वनकर काम में जुट गये। इसके साथ ही आपने "पद्मावती पुरवाल" मासिक पत्र का भी अपनी ओर से प्रकाशन किया जो समय पर लगभग सभी पद्मावती पुरवालों के पास पहुँच जाता है। इसका सुयोग्य संपादन भी आपके हाथो में है और सम्पूर्ण व्यय भार आप ही उठाते है । आप अत्यन्त उदार और सहृदय है । आपका व्यक्तित्व पद्मावती पुरवाल समाज के लिये गौरव की वस्तु है ।
यह डायरेक्टरी उक्त समाज का एक सांस्कृतिक कोष है और उसी प्रकार संग्रहणीय है जिस प्रकार हम अपने घर के बुजुगों से संबंधित एतिहासिक दस्तावेजों को सुरक्षित रखते है । इस समाज में जहाँ तक हमे याद है रचनात्मक काम नहीं जैसा हुआ इस दृष्टि से इस डायरेक्टरी का निर्माण-कार्य समाज सेवा की तरफ एक अत्यन्त ही प्रगतिशील और ठोस कदम ।
मैं श्री जुगमन्दिरदास जी का आभारी हूँ जिन्होने मुझे इसकी भूमिका लिखने का अवसर प्रदान किया ।
इन्दौर
३०-९-६५
- लालवहादुर शास्त्री पी-एच० डी०
एम० ए०,