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________________ ३४४ श्री पद्मावती पुरवाल जैन डायरेक्टरी गाँव- सराठी ( राजगढ़ व्यावरा) भागीरथमल जैन सुपुत्र मुन्नालाल जैन, सराली (राजगढ़ व्यांवरा ) इस परिवार में दो पुरुष वर्ग में तथा दो स्त्री वर्ग में कुल चार सदस्य हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं तथा कृषिकार्य करते हैं। गाँव-सारंगपुर (राजगढ़) कमलकुमार जैन सुपुत्र मुकुन्दराम जैन, सारंगपुर (राजगढ़) इस परिवार में छ पुरुष वर्ग में तथा तीन स्त्री वर्ग में कुल नौ सदस्य हैं। पाँच लड़के तथा दो लड़की अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख इण्टर तक शिक्षा प्राप्त हैं तथा अध्यापन कार्य करते हैं। मूल निवासी सारंगपुर के ही हैं। केसरीमल जैन सुपुत्र छोगमल जैन, सारंगपुर (राजगढ़) इस परिवार में एक पुरुष वर्ग में तथा चार स्त्री वर्ग में कुल पाँच सदस्य है। दो लड़की अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। परिवार प्रमुख आठवीं कक्षा तक शिक्षित है और सर्विस करते मूल निवासी सारंगपुर के ही हैं । है कोमलचन्द जैन सुपुत्र सरदारमल जैन, सारंगपुर (राजगढ़) इस परिवार में एक पुरुष वर्ग में तथा दो स्त्री वर्ग में कुल तीन सदस्य हैं। एक लड़की अविवाहित है और प्राथमिक कक्षा में शिक्षा प्राप्त कर रही है। परिवार प्रमुख विशारद तक शिक्षा प्राप्त है और कृषिकार्य करते हैं। मूल निवासी मखावद के हैं । गजराजमल जैन सुपुत्र गणपतराय जैन, सारंगपुर (राजगढ़) ' इस परिवार में सात पुरुष वर्ग में तथा छ स्त्री वर्ग में कुल तेरह सदस्य हैं। पाँच लड़के तथा चार लड़की अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख मिडिल तक शिक्षित हैं और कटलरी की दुकान करते हैं। मूल निवासी सारंगपुर के ही हैं। छगनलाल जैन सुपुत्र गणपतराय जैन, गांधी चौक सारंगपुर (राजगढ़) इस परिवार में तीन पुरुष वर्ग में तथा तीन स्त्री वर्ग में कुछ छ सदस्य हैं। एक लड़का तथा एक लड़की अविवाहित हैं और प्रारम्भिक कक्षा में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख वैद्यक करते हैं। मूल निवासी सारंगपुर के ही हैं। दुलीचन्द जैन सुपुत्र कस्तूरचन्द जैन, सर्राफ सारंगपुर (राजगढ़) ={ , इस परिवार में ग्यारह पुरुष वर्ग में तथा आठ स्त्री वर्ग में कुल उन्नीस सदस्य हैं। आठ लड़के तथा पाँच लड़की अविवाहित हैं और विभिन्न
SR No.010071
Book TitlePadmavati Purval Jain Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugmandirdas Jain
PublisherAshokkumar Jain
Publication Year1967
Total Pages294
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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