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________________ २८६ श्री पद्मावती पुरवाल जैन डायरेक्टरी लड़का तथा दो लड़की अविवाहित है। पुत्री वीनाकुमारी एम०एल०टी० ट्रेनिग में है। परिवार प्रमुख स्वयं हिन्दी पढ़े है और दलाली का व्यापार करते हैं । मूल निवासी एटा के हैं। मटरूमल जैन सुपुत्र लालाराम जैन, दरीवाकलां देहली (देहली) इस परिवार में सोलह व्यक्ति हैं, आठ पुरुष वर्ग में तथा आठ श्री वर्ग में । पाँच लड़के तथा पाँच लड़की अविवाहित हैं। पुत्री सन्तोकुमारी दसवीं. कक्षा में है और सब निम्न कक्षाओं में हैं। परिवार प्रमुख स्वयं हिन्दी पढ़े है और हलवाईगिरी का व्यापार करते हैं। मूल निवासी तिखावर (एटा) मथुरादास जैन सुपुत्र रामलाल जैन, ३७ दरियागंन देहली (देहली) इस परिवार में सात व्यक्ति हैं, दो पुरुष वर्ग में तथा पाँच स्त्री वर्ग में। तीन लड़की अविवाहित हैं। इस परिवार में एम०एस०सी,०वी०टी०, एम० ए०, बी०ए० और दसवीं तक की शिक्षा है। परिवार प्रमुख स्वयं एम०ए० हैं और अध्यापन का कार्य करते हैं। मूल निवासी वेरनी (एटा) के हैं। महावीरप्रसाद जैन सुपुत्र वृन्दावनदास जैन, २९३९ धर्मपुरा देहली (देहली) इस परिवार में चार व्यक्ति हैं, एक पुरुष वर्ग मे तथा तीन श्री वर्ग में। एक लड़की अविवाहित है। शिक्षा प्रथम से लेकर आठवीं कक्षा तक है। परिवार प्रमुख स्वयं मिडिल तक पढ़े हैं और दुकानदारी परचून की है। मूल निवासी दिल्ली के हैं। महावीरप्रसाद जैन सुपुत्र मुंशीलाल जैन, २२४१ गली पहाड़वाली धर्मपुरा देहली (देहली) इस परिवार में तेरह व्यक्ति हैं, सात पुरुष वर्ग मे तथा छ वी वर्ग मे। चार लड़के तथा चार लड़की अविवाहित हैं। प्राइमरी से लेकर सातवीं कक्षा तक की शिक्षा है। परिवार प्रमुख स्वयं मैट्रिक पास हैं और होटल का व्यापार करते हैं । मूल निवासी स्थानीय हैं। महावीरप्रसाद जैन सुपुत्र नैनसुखदास नैन, ३४२४ दिल्ली गेट, देहली (देहली) इस परिवार में वारह व्यक्ति हैं, पाँच पुरुष वर्ग में तथा सात बी वर्गमें। तीन लड़के तथा पाँच लड़की अविवाहित हैं। चौथी से लेकर वी० ए० तक. शिक्षा है। परिवार प्रमुख स्वयं मिडिल पास हैं। सराफे का व्यापार करते हैं। पद्मावती पुरवाल पंचायत और मंडल कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। मूल निवासी वेरनो के हैं। महिपाल जैन सुपुत्र मुन्नीलाल जैन, २७२० छत्ताप्रतापसिंह, किनारी बाजार देहली (दहली) - इस परिवार में नौ न्यक्ति हैं. तीन पुरुप वर्ग में क्या छ स्त्री वर्ग में। एक लड़का • तथा चार लड़की अविवाहित हैं। परिवार में दूसरी से लेकर ० ए० तक
SR No.010071
Book TitlePadmavati Purval Jain Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugmandirdas Jain
PublisherAshokkumar Jain
Publication Year1967
Total Pages294
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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