SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 130
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २७१ सार श्री पद्मावती पुरवाल जैन डायरेक्टरी ____२७१ राजकुमार जैन सुपुत्र मुरलीधर जैन, स्टेशन रोड बाघोड़िया (बड़ोदा) इस परिवार में यह सज्जन और इनकी धर्मपत्नी केवल दो ही सदस्य हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं तथा कपड़े का व्यापार करते हैं। मूल निवासी ख्याली का नगला के हैं। वंशीलाल जैन सुपुत्र मुरलीधर जैन, स्टेशन रोड बाघोड़िया (बड़ोदा) इस परिवार में छ पुरुष वर्ग में तथा एक स्त्री वर्ग में कुल सात सदस्य हैं। चार लड़के अविवाहित हैं तथा प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं और रेस्टोरेण्ट का संचालन करते है । मूल निवासी ख्याली का नगला के हैं। सुरेशचन्द्र जैन सुपुत्र रामस्वरूप जैन, बस स्टेण्ड वाघोड़िया (बड़ोदा) इस परिवार में एक पुरुष वर्ग में तथा दो स्त्री वर्ग में कुल तीन सदस्य है। एक लड़की बाल्यावस्था में है। परिवार प्रमुख विशारद तक शिक्षित है और चूड़ी की दुकान करते हैं । मूल निवासी एत्मादपुर के है। गाँव-भीया गाँव करजन (वड़ोदा) मुन्शीलाल जैन सुपुत्र छक्कामल जैन, भीया गॉव करजन (बड़ोदा) इस परिवार में पाँच पुरुष वर्ग में तथा एक बी वर्ग में कुल छ सदस्य है। तीन लड़के अविवाहित हैं तथा प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित हैं और होटल का कार्य करते हैं। मूल निवासी फरिहा के हैं। जिला-भडॉच गॉव पालेज बनारसीदास जैन सुपुत्र मेवाराम जैन, पालेज (भडोंच) इस परिवार में नौ पुरुष वर्ग में तथा सात स्त्री वर्ग में कुल सत्तरह सदस्य हैं। तीन लड़के वथा एक लड़की अविवाहित हैं और प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख साधारण शिक्षित है और रेस्टोरेन्ट का काम करते हैं । मूल निवासी फरिहा (मैनपुरी) के है। बृजकिशोर जैन सुपुत्र पुत्तलाल जैन, स्टेशन के सामने पालेज (भडोंच) इस परिवार में चार पुरुष वर्ग में तथा छ स्त्री वर्ग में कुल दस सदस्य हैं। तीन लड़के तथा चार लड़की अविवाहित है और प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। परिवार प्रमुख एफ० वाई० ए० एस० टी०. H. s. s. तक शिक्षित हैं और अध्यापन का कार्य करते हैं। मूल निवासी नगला ख्याली के हैं।
SR No.010071
Book TitlePadmavati Purval Jain Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugmandirdas Jain
PublisherAshokkumar Jain
Publication Year1967
Total Pages294
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy