________________
प्रथम परिच्छेद प्रत्येक तीर्थंकर के वावन बोल
सं० बोल
श्री पार्श्वनाथ श्री महावीर
३६ श्रावक सं०
१५८००० ३७ श्राविका सं० ३३९००० ३१८००० ३८ शासन यक्षनाम पार्श्व यक्ष मातङ्ग यक्ष ३६ शासनयक्षिणी नाम पद्मावती सिद्धायिका ४० प्रथम गणधर आर्यदिन्न ___इन्द्रभूति ४१ प्रथम आर्या पुष्प चूडा चन्दनवाला १२ मोक्षस्थान समेत शिखर पावापुरी ४३ मोक्ष तिथि श्रावण शु०८ कार्तिक व०अमा० ४४ मोक्ष संलखना मास २ उपवास ४५ मोक्ष आसन कायोत्सर्ग ४६ अन्तरमान
चरम जिनेश्वर १७ गणनाम
राक्षस मानव ४८ योनि
महिप ४६ मोक्ष परिवार
एकाकी ५० भव सं०
१० भव २७ भव ५१ कुलगोत्र
इक्ष्वाकु
इक्ष्वाकु ५२ गर्भकालमान ९ मास ६ दिन ९मास दिन
पद्मासन
चर
मृग
-
-
-