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________________ [८] ऋ, जब किसी व्यञ्जन के साथ मिलता है तब उसका रूप हो जाता है। जैसे:-कृ। जब र के साथ उ या ऊ मिलता है तब उसका रूप ऐसा होता है : अभ्यास (४) जल । कल । जय । हम । झट । घर। कम । भरत । बटन । नमक । बतक । सबक। सरल। गणधर । झटपट । पनघट । अनपढ़ । खटमल । बरतन । कसरत । शरवत । जप कर । मत लड़। मन वश कर । ऋण मत कर । झट चल । पर धन मत हर । कम मत पढ़। नमन कर । सवक पढ़ । सरल बन । समझ कर कह । गरम मत वन । खबर रख । मखमल मत पहन । गणधर भज । झटपट सवक रट । खटपट कर । पनघट पर घट रख ।
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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