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बड़ी पक्की थी । उसने खूब मेहनत मजूरी करके एक रुपया बचाया और उसको एक कागज की पुड़िया में समेट कर अध्यापिकाजी को दे दिया । कागज पर लिखा हुआ था, "यह रुपया गरीब लड़कियाँ के रहने के लिए घर बनाने के वास्ते देती हूँ ।" यह पुड़िया खोल कर तथा उसके कागज पर लिखा हुआ वाक्य पढ़कर अध्यापिकाजी को बड़ा आश्चर्य हुआ । फिर उन्होंने यह बात लोगों के सामने प्रकट की और कहा कि इस दयालु लड़की ने इस परोपकारी काम का आरम्भ किया है । अब सब लोगों को सहायता देकर गरीब लड़कियाँ के रहने के लिए घर बना देना चाहिये ।" श्रध्यापिकाजी के इस उपदेश से बहुत साधन इकट्ठा हो गया और गरीब लड़कियाँ के लिए एक बड़ा 'कन्या भवन' सुगमता से बन गया । उसके एक रुपया देने से लाखों रुपये इकट्ठे हो गए और इतना बड़ा काम हो गया । इसी तरह सच्ची लगन से काम किया जाय तो बढ़ी २ सफलताएँ मिल सकती हैं ।
पाठ १२ – विलायती - विद्यार्थी ।
विलायत में सब लड़के आपस में प्रेम रखते हैं । कोई किसी से लड़ता झगड़ता नहीं है । कोई भी लड़का