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परिकर्म ( 5 )
चन्द्रप्रज्ञप्ति, सूर्यप्रज्ञप्ति, जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति, द्वीपसागर - प्रज्ञप्ति,
व्याख्याप्रज्ञप्ति
चूलिका (5)
आकाशगता, जलगता, मायागता, रूपगता, स्थलगता
अङ्ग बाह्य
सामायिक, चतुर्विशति स्तवन, वन्दना, प्रतिक्रमण, वेनयिक, कृतिकर्म, दशवेकालिक, उत्तराध्ययन, कल्प्यव्यवहार, कल्प्याकल्प्य, पुण्डरीक, महापुण्डरीक, निपिद्धिका आदि
• वाईस परीषह
क्षुधा, पिपासा, शीत, उष्ण, दशमशक, नाग्न्य, अरति, स्त्री, चर्या, निषद्या, शय्या, आक्राश, वध, याचना, अलाभ, रोग, तृणस्पर्श, मल. सत्कार - पुरस्कार, प्रज्ञा, अज्ञान, अदशन
• आस्रवकारी क्रियाए
सम्यक्त्व क्रिया, मिथ्यात्व क्रिया, प्रयाग क्रिया, समादान क्रिया, ईर्यापथ क्रिया, प्रादापिकी क्रिया, कायिकी क्रिया, अधिकरणिकी क्रिया, पारितापिकी क्रिया, प्राणातिपातिको क्रिया, दर्शन क्रिया, स्पर्शन क्रिया, प्रात्ययिकी क्रिया, समन्तानुपात क्रिया, अनाभोग क्रिया, स्वहस्त क्रिया, निसग क्रिया, विदारण क्रिया, आज्ञाव्यापादिकी क्रिया, अनाकाक्ष क्रिया, प्रारभ क्रिया, पारिग्राहिकी क्रिया, मिथ्यादर्शन क्रिया, माया क्रिया, अप्रत्याख्यान क्रिया ।
282 / जेनदर्शन पारिभाषिक कोश