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________________ कि ऐसा सरल और सर्वाङ्ग सुन्दर चरित्र आपने कहीं नहीं पढ़ा होगा। अतः पाठकों से हमारा निवेदन है, कि हमारी बात पर विश्वास कर एक प्रति अवश्य मँगवाइये। - पुस्तक की छपाई सफाई बड़ी ही नयनाभिराम है। एएटीक कागज पर सुन्दर सुवाच्य अक्षरों में छापी गई है । इस के अतिरिक्त स्थान-स्थानपर नयनान्दकर उत्तमोत्तम छ चित्र दिये गये हैं, जिनसे सारी पुस्तक खिल उठी है। जैनसंप्रदाय में यह एक नवीन शैली निकाली गई है अवश्य देखिये, यह पुस्तक अपने ढङ्ग की पहली है। मूल्य ॥4) आने) डाक खर्च अलग। नलदमयती इस पुस्तकमें नल और दमयन्तीकी जीवनी मय चित्रोंके दी गई है, अधिकांश तो इस पुस्तक में पतिव्रता-धर्म-सूचक ज्ञानका भण्डार भर दिया गया है, इसको पढ़कर स्त्रियो को अपने आपेका ख़याल हो आता है। इस पुस्तक को प्रत्येक बालक, युवा और वृद्ध नारियों को अवश्य देखना चाहिये; संसार में नल-दमयन्ती की जीवनियाँ अनेकानेक प्रकाशित हो चुकी हैं, पर आजतक जैनाचार्यकी कलम से लिखी हुई पुस्तक कहीं नहीं प्रकाशित हुई, अतएव पाठक और पाठिकाओंसे हमारा सानुरोध निवेदन है, कि एक बार इस पुस्तक को मंगवाकर अवश्य देखें। मूल्य ॥) डाकखर्च अलग।
SR No.010029
Book TitleAadinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratapmuni
PublisherKashinath Jain Calcutta
Publication Year
Total Pages588
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Mythology
File Size21 MB
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