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आदिनाथ-चरित्र
प्रथम पव इनके मोक्षके बीचमें नौ सागरोपमका अन्तर होगा। रत्नपुरमें भानु राजा और सुव्रतादेवीके पुत्र धर्म नामके पन्द्रहवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका सुवर्णकासा वर्ण, दश लाख वर्षकी आयु और पैंतालिस धनुषोंकीसो काया होगी। उनका व्रत-पर्याय ढाई लाख वर्षका और अनन्तनाथ तथा उनके मोक्षके बीच चार सागरोपम का अन्तर होगा। इसी तरह गजपुर नगरमें विश्वसेन राजा
और अचिरादेवीके पुत्र शान्ति नामके सोलहवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका सुवर्ण समान वर्ण, आठ लाख वर्षकी आयु, चालीस धनुषोंकी काया पश्चीस हज़ार वर्षका व्रतपर्याय और पौन पल्योपम न्यून तीन सागरोपमका अन्तर होगा। उसी गजपुरमें शूर राजा और श्रीदेवी रानीके पुत्र कुन्थु नामके सत्रहवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका सुवर्णकासा वणे, पञ्चानवे हज़ार वर्षकी आयु, पैंतीस धनुषोंकी काया, तेईस हज़ार साढ़ेसात सौ वर्षोंका व्रतपर्याय और शान्तिनाथ तथा इनके मोक्षमें अर्द्ध पल्योपमका अन्तर होगा। उसी गजपुरमें सुदर्शन राजा और देवीरानीके अर नामक पुत्र अठारहवें तीर्थङ्कर होंगे। उनकी सुवर्ण जैसी कान्ति, चौरासी हज़ार वर्षको आयु और तीस धनुषोंकी काया होगी। उनका व्रतपर्याय इक्कीस हज़ार वर्षका तथा कुन्थुनाथ और उनके मोक्षकाल में एक हजार करोड़ वर्ष न्यून पल्योपमके चौथाई हिस्सेका अन्तर होगा। मिथिलापुरीमें कुम्भ राजा और प्रभावती देवीके पुत्र मलिनाथ नामके उन्नीसवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका नील वर्ण पचपन हजार वर्षकी आयु और पश्चीस धनुषकी काया होगी।