________________
प्रथम पर्व
आदिनाथ-चरित्र पुरूषोंमें सिंहरूप, धीर, निर्भय, शूरवीर और अस्खलित पराक्रमवाला होगा। हे देवि ! आपने स्वप्नमें लक्ष्मी देखी, इससे आपका पुरुषश्रेस्ठ पुत्र त्रिलोकी की साम्राज्य-लक्ष्मीका पति होगा। आपने फूलमाला देखी है; इससे आपका पुत्र पुण्यदर्शन स्वरूप होगा और समस्त जगत् उसकी आज्ञाको मालाकी तरह मस्तक पर वहन करेगा। हे जगत्-माता!आपने स्वप्नमें पूर्णचन्द्र देखा है, इससे आपका पुत्र मनोहर और नयन-सुखकर यानी नेत्रोंको आनन्द देने वाला होगा-जो उसके दर्शन करेगा उसेही सूख होगा-दर्शन करने वालेके नेत्रोंकी दर्शनसे तृप्ति न होगी। आपने सूर्य देखा, इस लिये आपका पुत्र मोह-रूपी अन्धकारको नाश करके, जगतमें प्रकाशको फैलाने वाला होगा। वह संसार के अज्ञान-अन्धकारको नाश करके ज्ञानका प्रकाश फैलायेगा। आपने महाध्वजा देखी, इसलिये अपका पुत्र आपके वंशमें महान् प्रतिष्ठावाला और धर्मध्वज होगा। हे माता ! आपने स्वप्नमें पूर्ण कुम्भ देखा, इससे आपका पुत्र अतिशयोंका पूर्ण पात्र होगा; अर्थात् सर्व अतिशययुक्त होगा । आपने पद्माकर या पद्म-सरोवर देखा, इससे आपका पुत्र संसार रूपी अटवीमें पड़े हुए मनुष्योंके पाप-तापको नाश करनेवाला होगा। आपने क्षीरसागर देखा इस से आपके पुत्रके अधृष्य होनेपर भी, उसके पास सब कोई जा सकेगें। हे देवि ! आपने स्वप्नमें अलौकिक विमान देखा, इससे आपका पुत्र वैमानिक देवोंके लिये भी सेव्य होगा; अर्थात् वैमानिक देव भी उसकी सेवकाई करेंगे। आपने प्रकाशमान रत्न-पुञ्ज देखा,