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भारत नारी
जाग जाग हे भारत नारी !
प्राचीमें अरुणोदय छाया , अन्धकारका हुया सफाया ,
तेरा समय आज है आया , जाग जाग हे भारत नारी !
सदियोंसे तू पिछड़ रही है , तव जीवनका मूल्य नहीं है ,
अन्धकारमें पड़ी हुई है, जाग जाग हे भारत नारी!
तू जीवनको सुखी बनाये , चाहे जीवन दुखी बनाये ,
तुझपर है सव जिम्मेदारी, जाग जाग हे भारत नारी!
तू है शक्ति, तू ही जगदम्बा , तू है विजया, तू है रम्भा ,
उठ आगे आ, छोड़ दासता , जाग जाग है भारत नारी !
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