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१५ श्री कामताप्रसाद जैन .
वीर प्रोत्साहन
जीवनकी झांकी .. १६ पंडित परमेष्ठीदास 'न्यायतीर्थ'
महावीर-सन्देश
प्रगति-प्रेरक
१७ श्री कल्याणकुमार 'शशि'
रण-चण्डी .. .. विश्रुत-जीवन ..
गीत .. १८ श्री भगवत्स्वरूप 'भगवत्' ।
आत्म-प्रश्न .. .. मुख शान्ति चाहता है मानव मुझे न कविता लिखना आता
एक प्रश्न .. .. .. १६ श्री लक्ष्मीचन्द्र जैन, एम० ए० ..
कोई क्या जाने कोई क्या समझे ? ' 'कुहू कुहू' फिर कोयल वोली ! .. मैं पतझरकी सूखी डाली ..
सजनि, आँसू लोगी या हास? .. २० श्री शान्तिस्वरूप 'कुसुम'
कलिकाके प्रति कुछ भी न समझ पाता हूँ मैं, जगकी या मेरी ग़लती है !
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