________________
M
ఇhatsatist
i bilitation
that
thistathakanshtadalas
a nt
E
t olatestostatistatiststatestrelaalakatalathalaletastestantsastest-tabilosobstadostosastestosterolalhalestialasanaskitaskhe
ASEEratosaksesatoreststalksetstatestantastictoka
जैन-रत्नसार तपगच्छीय विशेष सूत्र
पंचिंदिय सूत्र पंचिंदिय संवरणो तह, णवविह बंभचेरगुत्तिधरो । चउविह कसाय मुक्को, इअ अट्ठारसगुणेहिं संजुत्तो ॥१॥ पंच महव्वय जुत्तो, पंचविहायार पालण समत्थो । पंचसमिओ तिगुत्तो, छत्तीसगुणो गुरू मज्झ ॥२॥
सामायिक पारण सूत्र सामाइय वयजुत्तो, जाव मणे होई णियमसंजुत्तो । छिण्णइ असुहं कम्म, सामाइअ जत्तिआ वारा ॥१॥
सामाइअम्मि उ कए समणो, इवसावओ हवइ जम्हा । . एएणं । कारणेणं, बहुसो सामाइअं कुज्जा ॥२॥
सामायिक विधि से लिया, विधि से पूर्ण किया, विधि में कोई अविधि हुई हो। दस मन के, दस वचन के, बारह काया के, कुल बत्तीस दोषों में से जो कोई दोष लगा हो तो मिच्छामि दुकडं ॥
जग चिंतामणि सूत्र । जगचिंतामणि जगणाह जगगुरु जगरक्खण, जगबंधव जगसत्थवाह जगभावविअक्खण । अठ्ठावयसंठविअरूव, कम्मट्ठविणासण । चउवीसंपि जिणवर, जयंतु अप्पडिहय सासण ॥१॥
कम्मभूमिहिं कम्मभूमि पढ़मसंघयणि, उक्कोसय सत्तरिसय जिणवराण विहरंत लब्भइ । णवकोडिहिं केवलीण, कोडि सहस्स णव साहु गम्मइ ।
१ इस पाठमें सच्चे गुरु की पहचान है।
२ इसकी पहली गाथा में सामायिक द्वारा अशुभ कर्मों का नाश है और दूसरी गाथा में सामायिक में स्थित श्रावक साधू के तुल्य माना गया है।
३ इस पाठ की पहली गाथा में भगवान की स्तुति है, दूसरी में एक सौ सत्तर जिनेश्वर, केवली और साधुओं की स्तुति है। तीसरी में तीर्थों को वन्दन है चौथी में चत्यों को वन्दन है, al पांचवीं में शाश्वत जिन बिम्बों को वन्दन है।
लन्न प्रजनन प्रयत्नशमनलचन्नयनपत्रबनननननननन
st
clestialishi
a testosthetotakoseskatrkathakatastestraliabtitatio
Eartar talathistatutoriakatarnat
t heliabadlistiationalistianetarnadanieasy