________________
४४
जैन - रत्नसार
Jonado escola
२७८
१७ ॐ श्रियै नमः स्वाहा । १८ ॐ देव्यै नमः स्वाहा । १९ ॐ प्रभावत्यै नमः स्वाहा । २० ॐ पद्मावत्यै नमः स्वाहा । २१ ॐ विप्रायै नमः स्वाहा । २२ ॐ शिवायै नमः स्वाहा । २३ ॐ वामायै नमः स्वाहा । २४ ॐ त्रिशलायै नमः स्वाहा ।
अष्ट वलय
इसके बाद २४ शासन देवों के नामों की स्थापना कर पूजा करे सोने के बरक लगी हुई २४ सुपारी चढ़ावे ।
१ ॐ गोमुखाय नमः स्वाहा । २ ॐ महायक्षाय नमः स्वाहा । ३ ॐ त्रिमुखाय नमः स्वाहा । ४ ॐ यक्षनायकाय नमः स्वाहा । ५ ॐ तुम्बुरवे नमः स्वाहा । ६ ॐ कुसुमाय नमः स्वाहा । ७ ॐ मातङ्गाय नमः स्वाहा । ८ ॐ विजयाय नमः स्वाहा । ९ ॐ अजिताय नमः स्वाहा । १० ॐ ब्रह्मणे नमः स्वाहा । ११ ॐ यक्षराजाय नमः स्वाहा । १२ ॐ कुमाराय नमः स्वाहा | १३ ॐ षण्मुखाय नमः स्वाहा । १४ ॐ पातालाय नमः स्वाहा | १५ ॐ किन्नराय नमः स्वाहा । १६ ॐ गरुड़ाय नमः स्वाहा । १७ ॐ गन्धर्वाय नमः स्वाहा । १८ ॐ १९ ॐ कुबेराय नमः स्वाहा । २० ॐ वरुणाय भृकुटये नमः स्वाहा । २२ ॐ गोमेधाय नमः स्वाहा । यक्षाय नमः स्वाहा । २४ ॐ ब्रह्म शान्तये नमः स्वाहा ।
यक्षराजाय नमः स्वाहा ।
नमः स्वाहा । २१ ॐ
२३ ॐ पार्श्व
नवम् वलय
इसके बाद चौबीस शासन देवियों के नामों की स्थापना कर पूजा करे और चांदी के बरक लगी हुई २४ सुपारी चढ़ावे ।
१ ॐ चक्रेश्वर्यै नमः स्वाहा । २ ॐ अजितवलायै नमः स्वाहा । ३ ॐ ॐ दुरितायै नमः स्वाहा । ४ ॐ काल्यै नमः स्वाहा । ५ महाकाल्यै नमः स्वाहा । ६ ॐ श्यामायै नमः स्वाहा । ७ ॐ शान्तायै नमः स्वाहा । ८ ॐ भृकुट्यै नमः स्वाहा । ९ ॐ सुतारकायै नमः स्वाहा | १० ॐ अशोकायै नमः स्वाहा । ११ ॐ मानव्यै नमः स्वाहा । १२ ॐ