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पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमृत चंद्र स्वामी
पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 456 of 583 ISBN # 81-7628-131-3
v- 2010:002
महाव्रत हैं एकाएक कहेंगे तो धक्का लग सकता है साधुओं कों योग्य साधु को, जिनके लिए सम्पूर्ण संघ ने स्वीकृति दे दी है, जो गुणों में, ज्ञान में और संयम में वृद्ध हों, उनको बालाचार्य पद पर अधिष्ठित करते हैं अब आचार्य महाराज के पास शिष्य आया कि, प्रभु ! अमुक दोष हो गया है, तो कहेंगे- जाओ ! बालाचार्य महाराज से प्रायश्चित ले लों अभी वह देखेंगे कि यह किस प्रकार से प्रायश्चित देते हैं इस प्रकार आचार्य ही आचार्य बनाते हैं व्यवस्था को चलाने के लिए चतुर्विध संघ भी अपने आचार्य को स्वीकार कर लेता हैं हमारे आगम में व्यवस्था है कि प्रायश्चित ग्रंथ उन बालाचार्य महाराज को आचार्य महाराज एकांत में पढ़ाते हैं आपको भी यह विचार करना है कि जब भी मेरा मरण होगा तो मैं समाधि सहित ही मरण करूंगा चिंता नहीं करना, समाधि ही सुधारना हैं जीवन तो बहुत सुधर गए, मरण सुधारना हैं
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श्री जिन मंदिर, हस्तिनापुर
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