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पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमत चंद्र स्वामी पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 426 of 583 ISBN # 81-7628-131-3 -2010:002
अभक्ष्य हो जाती हैं इस प्रकरण को समझना हो तो "गोम्मटसार (जीवकाण्ड)" और "मूलाचार " में इसका विशेष कथन किया हैं
भो मनीषी! आजकल परम्परा प्रारंभ हो गई है कि घी नहीं खायेंगे, पर मक्खन जरूर खायेंगें लेकिन ध्यान रखो, मक्खन अभक्ष्य ही होता है और जिस व्यक्ति ने आठ दिन की मलाई रखकर, आठवें दिन उसको गरम करके घी निकाल लिया और कह रहे, महाराज! शुद्ध सोला का हैं मर्यादा चौबीस घंटे की थी और आपने मलाई आठ-आठ दिन की निकालीं सुनो! सूखा खा लेना, सूखा खिला देना, लेकिन जीवों के निचोड़ को शुद्ध कहकर किसी व्यक्ति को ठगना मतं आगम कहता है कि अठपहरा होना चाहिएं सुनो! शुद्ध तेल निकलवा कर खा लेना, परंतु ऐसे घी का उपयोग नहीं करना बताओ! तुम शुद्ध घी व दूध तो खा/पी नहीं पा रहे, शुद्ध आत्मा को कैसे निहारोगे?
अफ्रीका, केन्या, नैरोबी स्थित श्री जिन मंदिर
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