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पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमृत चंद्र स्वामी
पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 193 of 583 ISBN # 81-7628-131-3
v- 2010:002
हैं, बिना किये कर्म - फल नहीं मिलतां भाव से ही बंध होता है और भाव से ही मुक्ति मिलती हैं जैसा करेंगे, वैसा ही फल अवश्यमेव मिलेगां
分期
श्री श्रवणबेल गोला तीर्थ
भगवान बाहुबली स्वामी
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