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-आस्था की ओर बढ़ते कदम की सिक्योरिटी का पूरा ध्यान रखा जाता है। हम श्री वागला के सामने बैठे थे। किसी उच्चाधिकारी से हमारी प्रथम भेंट थी। उन्होंने हम से पूछा कि पहले ऐसी समिति का कहां निर्माण हुआ है। इस वात को सुन कर सारा रिकार्ड व केन्द्र सरकार का पत्र श्री वागला जी को दिखाया। उन्होंने हमारे से पूछा “आप कैसी संस्था का निर्माण चाहते हो ?"
मैंने कहा "जैसा भारत सरकार का आप को निर्देश है कि यह एक वर्ष प्रभु महावीर का निर्वाण महोत्सव मनाने के लिए जैनों के चार सम्प्रदायों को लेकर कमेटी बने। जिस के संरक्षक माननीय राज्यपाल व प्रधान मुख्यमंत्री, विद्वान, लेखक व राजनेताओं को हम से प्रतिनिधित्व दिया जाए।" हमारे कई समिति की राज्यस्तरीय सूची थी जो श्री वागला की प्रस्तुत की गई।
उन्होंने हमारे साथ पांच मिन्ट चर्चा की। फिर उन्होंने कहा “आपका कार्य हो जाएगा। भविष्य में आप श्री दीवान जी से मिल कर सनिति की रूप रेखा व विधान तय कर लेना। मैं श्री दीवान जी को निर्देश दे दूंगा। भविष्य में आप किसी भी कार्य के लिए उनसे मिलना। निश्चिंत रहो, हमारी पंजाब सरकार किसी राज्य से पीछे नहीं रहेगी।"
यहां एक बात का उल्लेख मैं वार वार करना चाहता हूं कि इस छोटी सी आयु में अपने साधनों द्वारा हमें इतना विशाल कार्य करना था, जो हम ने कैसे किया, कौन सी रूकावटें आई। सभी का वर्णन आगे करूंगा। पर श्री वागला जी की सज्नता ने हमें प्रभावित किया। संक्षिप्त सी मुलाकात में हमने 'वड़ा कार्य कर लिया था। समिति निर्माण के प्रयास और सफलता :
जैसे मैंने पिछले प्राकरण में बताया था कि हम __ दोनों ने किस प्रकार भगवान महावीर का २५००वां निर्वाण