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- મ્યા હી વોર વહd cળ रवाना हुए । यहां की वस सेवा वहुत ही सुन्दर है । हमने ऐसी वस अजमेर के लिये पकड़ी । जयपुर से अजमेर १२० कि.मी. दूर है । इस नगर का प्राचीन नाम अजयमेरु था । यह नगर राष्ट्रीय मार्ग ८ पर स्थित है । यहां से १ कि.मी. की दूरी पर हिन्दू धर्म का तीर्थ पुष्कर है । पुष्कर तीर्थ एक तालाव के किनारे स्थित है । संसार की रचयिता माने जाने वाले ब्रह्मा का, रास्ते में यहां एक मात्र मन्दिर है - मन्दिर है पुष्कर । मन्दिरों के कारण राजस्थान का ये पर्यटन स्थल है । पुष्कर का मेला वहुत प्रसिद्ध है । जहां वैल, ऊंट, गधे द्वारा करोड़ों रुपये का व्यापार होता है । यह अजमेर हावड़ा, दिल्ली, इन्दौर, चितौड़, आगरा, जोधपुर से जुड़ा हुआ है । रेलवे स्टेशन वाहर से २ कि.मी. है । तीर्थ-दर्शन : ___राजरथान का प्रमुख नगर अजमेर एतिहासिक व धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है । यहां का प्रमुख दिगम्बर जैन मन्दिर सोनी जी की नसिया है । सुभाष वन के निकट लाल पत्थरों से निर्मित जैन मन्दिर को लाल मन्दिर कहते हैं । यह मन्दिर सुन्दर नक्काशी से अलंकृत है । हाल के एक अंश में गिल्ट किये काम के माडल में मानव जन्म के क्रमिक विकास और जैन पुराणिक गाथाओं को उत्कीर्ण किया गया है । दो पृथक-पृथक प्रखण्डों में इसका निर्माण हुआ है । दोनों के प्रवेश द्वार अलग अलग हैं । इसके एक भाग में तेरह द्वीप की रचना है जिसके अढ़ाई दीप की रचना विस्तृत है ।
दूसरे भाग में अयोध्या नगरी का भव्य निर्माण किया गया है । यहां भगवान ऋषभदेव के पांच कल्याणक उत्कीर्ण किये गये हैं । सिद्धाकर चैत्याल्य नसिया नाम से प्रसिद्ध
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