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आस्था की ओर बढ़ते कदम संस्था का विकास संसार भर में किया । उनकं जीवन में ३ सम्मेलन विदेशों में हुए। जिनका मुझे विधिवत् निमंत्रण मिला । मूझे नई दिल्ली में हुए सम्मेलन में शामिल होने का सौभाग्य मिला। मैं तब से इस संस्था का डैलीगेट मैंवर हूं । इस सम्मेलन पर हम ने पंजावी साहित्य भी भेंट किया था । इंटरनैशनल जैन कांग्रेस :
इस जैन कान्फ्रेंस का विस्तार रूप कांग्रेस के रूप में आया। इस के कई सम्मेलन विदेशों की धरती पर हुए । एक सम्मेलन भारत में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हुआ। तव विशाल पुस्तक प्रर्दशनी का भव्य आयोजन हुआ। सारे संसार से जैन विद्वान वहां शामिल हुए। इसका मुख्याल्य सिद्धाचलम न्यू-जर्सी यू.एस.ए. में है। श्री महावीर जैन संघ पंजाब (लुधियाना) : इस संस्था का मैं उपप्रधान हूं। इस के माध्यम से भगवान महावीर का २५०० साला निर्वाण महोत्सव मनाया
गया ।
महावीर इंटरनैशनल :
यह समाज सेवी संस्था है। इस की स्थापना जयपूर में हुई थी। मुझे इस के जयपुर अधिवेशन में शामिल होने व डैलीगेट बनने का अवसर मिला। मैं मालेरकोटला शाखा का संयोजक बना। इस संस्था ने दीन दुखीयों की सेवा में क्षेत्र में वहुत कार्य किया है । विशेषतः विकलांगों के लिए निशुल्क अंग लगाने की व्यवस्था ये संस्था आज भी कर रही है ।
विश्व पंजाबी लेखक सम्मेलन :
यह संसार के पंजावी लेखकों की संस्था है। इस के दो सम्मेलनों में मैं डैलीगेट रहा हूं। इस संस्थाओं के
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