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लघुविद्यानुवाद
क्ष -पुल्लिग, पीले वर्ण का जम्बुद्वीप ध्याय ध्येय, सख्यात द्वीप समुद्र मे व्यापक एक मुख, मरुत गाभीर्य, आठ भुजा वाला, वज्र पाश, मूशल, भुशडि भिडि, पाल, गदा, शख, चक्र आयुध घारी, हाथी का वाहन वाला, चतुरस्त्रासन, सर्वाभरण भूपित, जटा शुकुटधारी सर्व लोक मे पूजित, स्तंभन कर्म का कर्ता, सुगन्ध माल्य प्रिय, सर्व रक्षाकर, सर्वप्रिय काल ज्ञान मे माहेश्वर, सकल मन्त्र प्रिय, रुद्राग्नि देवता से पूजित । ऐसा 'क्ष' कार का लक्षण हे ।
स्वरों और व्यंजनो की शक्ति
मन्त्र पाठ:
"णमो अरिहताण णमो सिद्धाण, णमो पायरियारण ।
णमो उवज्झायाण णमो लोए सव्व-साहूण ।।" विश्लेषण :
ण् +अ+म् + प्रो+अ+र+इ+ह, +अ+म् + त्+आ+ ण् +अ+म् । ण् +अ+म् + प्रो +स+ + + +आ+ण् +अ+म् + । ण् +अ+म् + ओ+आ+य्+ + + +य्+या + + +म् । ग+अ+म् + प्रो+उ+व+अ+ + +आ+य्+आ+ + +म् । ण् +अ+म् -Fओ+ल+ओ+ए+स्+अ+व+व+अ+स्+या+ह +ऊ+ +अ+म् ।
- इस विश्लेषण मे से स्वरो को पृथक किया तो
अ+यो+अ+इ+अ+या+अ+अ+यो+इ+मा+अ+अ+ओ+आ+अ+इ+ प्रा+अ+ + प्रो+उ+अ+या+मा+अ+अ+यो+यो+ए+अ+
औ + आ+ऊ+अ।
पूनरुक्त स्वरो को निकाल देने के पश्चात रेखाकित स्वरो को ग्रहण किया तो
अ आ इ ई उ ऊ [२] ऋ ऋ [ल्] ल ल ए ऐ ओ औ अअ । व्यञ्जन:
ण्+म्+र+ह. +त्+ण्+ण्+म्+स्+ + + + ण् - म्+य्+र+य्+ण्+ण, +म्+व+ + +य्+ण्+ण्+म् + ल्+ + + + +ह + ण् ।
ई
पुनरुक्त व्यजनो को निकालने के पश्चात्ण् + म् + + + +स्+य्+ + +व+ + + है । ध्वनि सिद्धान्त के आधार पर वर्गाक्षर वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है। प्रत घ्=कवर्ग, झ्च वर्ग, ण् =टवर्ग, ध्=लवर्ग, म्=पवर्ग, य, र, ल, व, स = श, प,
स, ह!