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लघुविद्यानुवाद
प्राप्ति -सैन्य स्तम्भन, अग्नि-स्तम्भन, मधु-स्तम्भन तथा गर्भ-स्तम्भन की विद्या दे। महाभय-मन्त्र :-- ह्रीं महाभय एहिं स्वाहा । विधि --श्मसान मे जहा मुर्दा 'जलाया गया हो, वहा बैठकर एक लाख जाप करे तो महाभय
नामक यक्षिणी सिद्ध हो। प्रा.प्त -रसायन दे, जिसके खाने से वृद्धावस्था नही पाये व वृद्धावस्था हो तो युवा हो जाये। माहिन्द्रि-मन्त्र :-माहिन्द्री कुल-कुल युल युल स्वाहा । विधि :-इन्द्र धनुष के उदय के समय निर्गुण्डी वक्ष के नीचे बैठकर १२,००० जाप करे, तो
माहिन्द्री नामक यक्षिणी सिद्ध हो । प्राप्ति –आकाश गामिनी, पाताल गमिनी, नगर प्रवेश, वचन सिद्ध, देव, भूत, प्रेत, पिशाच,
शाकिनी, बेताल, सोटिग, आदि को दूर करने की शक्ति दे। श्मसानी-मन्त्र -ह्रां ह्रीं स्युः श्मसान वासिनी स्वाहा । विधि - श्मशान मे नग्न होकर ४ लाख जाप करे, तो श्मसानी नामक यक्षिणी सिद्ध हो । प्राप्ति .-एक पट्ट दे, जिससे अदृश्य होकर तीनो लोको मे घूम सके । वट्यक्षिणी मन्त्र -ऐं कपालिनी हां ह्रीं क्लीं ब्लू हस हम्बली फुट् स्वाहा । विधि :-वट वृक्ष के नीचे बैठकर चादमी रात मे तीन लाख जाप करे, तो वट नामक यक्षिणी
सिद्ध हो। प्राप्ति .-साधक की स्त्री के रूप मे रहकर वस्त्र, अलकार, स्वर्ण, गन्ध व पुष्प आदि दे । चन्द्रिका-मन्त्र :-ॐ नमो भगवती चन्द्रिकाय स्वाहा । विधि -शुक्ल पक्ष की रात्रि मे एक लाख जप करे, तो चन्द्रिका नामक यक्षिणी सिद्ध हो । प्राप्ति .-अमृत रसायन दे, जिससे हजार वर्ष तक जीवित रहने की शक्ति प्राप्त हो । घंटारिण-मन्त्र :-ऐं घंटे पुर क्षोभय राजा नाम क्षोभय क्षोभय भगवती गंभीर
श्वरप्ली स्वाहा। विधि :-बजते हुए घण्टे के साथ बीस हजार जाप करे, तो घटाकरिण यक्षिणी सिद्ध हो । प्राप्ति -इतनी शक्ति दे कि पूरे नगर को भयभीत कर सके। . भीषणा -जनरजिका विशाला। मन्त्र :-भीषणा क्षपेत माता छिते चिरं जीवितं कर्मव्या, साधकेन भगिन्या जनरंगिनी
कालोजन रंगि के स्वाहा ।