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पंचम तंत्राधिकार
अश्विनी नक्षत्र मे अर्द्ध रात्रि को नग्न होकर अपामार्ग की जड़ को लावे, फिर कण्ठ मे धारण करे तो राज सभा वश होय । १ ।
भरणी नक्षत्र मे सखा होली की जड लावे, ताबीज मे रवखे (पर) स्त्री वश मे होय । २। कृत्तिका नक्षत्र मे रोहिस की जड लावे, पास रक्खे तो अग्नि नही लगे । ३ ।
रोहिणी नक्षत्र मे अद्ध रात्रि मे नग्न होय, नेगद बावची की जड लावे और पास रक्खे तो वीर्य चाले नही । ४ ।
मृगशिर नक्षत्र मे महुवा की जड लावे तो रात्रि मे चोरी नही होय । ५ ।
आद्रा नक्षत्र मे अर्क की जड लाय, ताबीज मे डालकर पास रक्खे तो, बात सच होय । ६।
पुनर्वसु नक्षत्र मे मेहदी की जड़ को लेकर पास रक्खे तो अपने शरीर मे अच्छी सुगन्ध आती है । ७ ।
पुष्प नक्षत्र मे नागरबेल की जड लेकर पास रक्खे तो, दुष्ट वाक्य से कभी भय नही होता है । ८।
आश्लेषा नक्षत्र मे धतूरा की जड लेकर देहली मे रक्खे तो सर्प घर मे आने का भय नही रहता है।
मघा नक्षत्र मे पीपल की जड लेकर पास रक्खे तो रात्रि मे दुस्वप्न नही आते है । १०।
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र मे आम की जड लाकर दूध मे घिसकर पिलाने से बाझ स्त्री को पुत्र प्राप्ति होती है । ११ ।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र मे नीम की जड़ को लाकर पास रक्खे तो लडकी से लडका होता है । १२ ।
हस्त नक्षत्र में चम्पा की जड लाकर गले मे बाधने से भूत-प्रेत नही लगता है ।१३।