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लघुविद्यानुवाद
गणधर कुण्ड (२)
ह्वनीय
केवली कुण्ड (३)
दक्षिणाग्नि
जो व्यक्ति धर्म मे, नीति मे, त्याग मे, तप मे, मन में, मानव मर्यादाओ मे सदा स्थिर रहता है, मजबूत रहता है, सकटकाल मे भी विचलित नही होता है, अनीति मे कदम नही रखता है, उस व्यक्ति के चरणो मे देवता भी नमन करते है ।