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अष्ठमातका स्वरूप वर्णन
१-(ब्रह्माणी) देवी पद्मराग वर्णवाली, पद्मवाहन, मूसल का आयुध धारण करने वाली है।
२-(माहेश्वरी देवी) सुकर का वाहन, दड और वरदान, आयुध को धारण करने वाली और श्वेतवर्ण वाली है।
३-(कौमारिदेवी) विद्र म वर्ण वाली; मयूर का वाहन (खड) तलवार का प्रायुध धारण करने वाली है।
४-(वैष्णविदेवी) इन्द्रनील वर्ण वालो, चक्रायुध धारण करने वाली, और गरूड वाहन वाली है।
५-(वाराहिदेवी) नील वर्ण वाली, वराहका (सुकर) वाहन वाली, हल का श्रायुध धारण करने वाली है।
६-(इन्द्राणि देवी) सुवर्ण वर्ण वाली, वज्रायुध धारण करने वाली, हाथी का वाहन वाली है।
७-(चामुण्डि देवी) अरूण वर्ण वाली, व्याघ्र वाहन वाली, शक्ति प्रायुध को धारण करने वाली है।
____८-(महालक्ष्मीदेवी) सर्व लक्षणो से पूर्ण गदा का प्रायुध, चूहे का वाहन, और श्वेत वर्ण।
अष्टजयाद्यादेवता स्वरूप १-(जयादेवी) पाश, अमि, वेटक, और फल, मोने के समान वर्ण गली पीतावर को धारण करने वाली, फूल की माला पहने हुये, चार भुजा वाली।
२-(विजयादेवो) छः हाथ वाली कोदंड, वारण, अनि, गदा, सरोज, फन के आयुध धारण करने वाली, रक्त चणं वाली, रक्ताम्बर वाली।
3- (अनितादेवी) श्वेत व बाली, नुवर्ण वच, मत्म्य का बान, दो मुजा वाला, एक साप में पारण, एक हाथ में फल ।